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आस्था : 6 वर्षीय बालक अकबर साकिब बना रोज़ेदार

लखनऊ। आस्था (Faith) धर्म (Religion) का मूल आधार है। धर्म के संदर्भ में आस्था का मतलब है, किसी ईश्वर (God), धर्म के सिद्धांतों (Principles) में पूर्ण विश्वास (Complete Belief)। धर्म की मूल अवधारणाओं में से एक आस्था है। आस्था की कोई आयु सीमा नहीं होती है। इसकी मिसाल बना है, राजधानी स्थित चिनहट रोड के 6 वर्षीय बालक अकबर साकिब (Akbar Saqib)

अकबर साकिब ने 6 वर्ष की अल्प आयु में रमजान के महीने में रोजा रख कर ईश्वर के प्रति अपनी आस्था दिखाकर एक मिसाल कायम किया है, जो अक्सर मुस्लिम समुदाय के बच्चों में देखा जाता है। बताते चलें कि अकबर पिछले दो सालों से अपने परिजनों से रोजा रखने की जिद कर रहा था, परन्तु माता पिता उसकी अल्पायु को देखते हुए उसे बहला-फुसला कर समझा देते थे, परन्तु इस वर्ष अकबर की जिद के सामने माता पिता ने फैसला किया कि उनकी रोजकुशाई कर दी जाए।

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अकबर साकिब जयपुरिया स्कूल कुर्सी रोड में पहली कक्षा का छात्र है। अकबर के पिता साकिब अवध इंस्टिट्यूट ऑफ सेफ्टी मैनेजमेंट का संचालन करते हैं। बेटे अकबर की ईश्वर के प्रति अगाध श्रद्धा को देखते हुए परिजनों के साथ साथ सभी लोगों ने उन्हें दुआओं से नवाजा है।

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