लखनऊ। आज की राजनीति की दशा-दिशा को लेकर भी तमाम आशंकाएं हैं। लोकतंत्र पर खतरे के बादल मंडराते नज़र आ रहे हैं। नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है। अन्नदाता किसान बदहाल है। कुछ ऐसी ताकतें सक्रिय हो चली हैं जो यथास्थितिवाद की समर्थक और समाज में नफरत फैलाती हैं। इनका मुकाबला युवाशक्ति ही कर सकती है क्योंकि वहीं क्रांति की अगुवाई करता है। नौजवान जब आगे बढ़कर सड़क पर संघर्ष के लिए निकलेगा तो व्यवस्था परिवर्तन का डाॅ0 लोहिया, डाॅ0 आंबेडकर तथा चौधरी चरण सिंह का सपना पूरा होगा।
किसानों की बेहतरी के लिये
उक्त उद्गार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कल सायं लखनऊ के डाॅ0 भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि पर आयोजित विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। विचार गोष्ठी का आयोजन शोध छात्र राजवर्धन और जयवीर रावत ने किया।
श्री चौधरी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह की किसान नीतियों को लोग आज भी याद करते हैं। चौधरी साहब का सादगी और ईमानदारी भरा जीवन हमारे लिये आदर्श प्रस्तुत करता है। किसानों की बेहतरी के लिये उन्होंने राज्य और केन्द्र सरकार की नीतियों को किसान हितैषी बनाने का कार्य किया।
सरकार की दोषपूर्ण नीतियों से अन्नदाता आत्महत्या
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी सरकार में चौधरी साहब की नीतियों को क्रियान्वित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। आज जब देश में संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता खतरे में हैं, लोकतंत्र में आम आदमी के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला हो रहा है, सत्ता संस्थानों के संरक्षण में अन्याय बढ़ रहा है, सरकार की दोषपूर्ण नीतियों से अन्नदाता आत्महत्या करने को मजबूर हैं। नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पढ़ने के बाद भी कोई काम नही मिलता है।
अन्याय के विरूद्ध व्यवस्था परिवर्तन का निर्णायक संघर्ष
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि नयी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण में साझीदार नहीं बनाया गया तो इस अन्याय के विरूद्ध व्यवस्था परिवर्तन का निर्णायक संघर्ष होगा। लोकतंत्र में संसद से सड़क तक इस संघर्ष को छेड़ने का काम नौजवान को अखिलेश यादव के नेतृत्व में करने के लिए तैयार रहना है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मधुकर त्रिवेदी, मणेन्द्र मिश्रा, डाॅ0 आशुतोष वर्मा, प्रो0 आनित्य गौरव की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।