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11 वर्षों में बैंकों को लगा 2 लाख करोड़ का चूना , धोखाधड़ी के 50 हजार से जादा मामले

देश की अर्थ व्यवस्था को गति देने वाले बैंकों को पिछले 11 सालों में दो लाख करोड़ रुपयों से ज्यादा का चूना लग चुका है। काश, ये चूना न लगा होता तो देश की अर्थव्यवस्था कहीं बेहतर स्थिति में होती। हालांकि बैंको ने इस दौरान धोखाधड़ी के 50 हजार से ज्यादा मुकदमे भी दर्ज करवाये हैं लेकिन रिकवरी मामूली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं।

आंकड़ों के अनुसार, पिछले 11 सालों (2008-2009 से 2018-19 के बीच) में 2.05 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा 6,811 मामले आईसीआईसीआई बैंक में दर्ज किए गए हैं , जिनमें 5,033.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में केंद्रीय बैंक ने यह आंकड़े दिए हैं। आरबीआई ने कहा कि इस दौरान, एसबीआई में 23,734.74 करोड़ रुपये के 6,793 धोखाधड़ी के मामलों की सूचना है। इसके बाद, सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले एचडीएफसी बैंक में दर्ज किए गए हैं। एचडीएफसी बैंक में 1,200.79 करोड़ रुपये के कुल 2,497 धोखाधड़ी के मामले बाहर आए हैं।

बैंक ऑफ बड़ौदा में इस दौरान धोखाधड़ी के मामले गिनती में 2,160 रहे, लेकिन इनमें कुल 12,962.96 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की गई। इसी तरह पंजाब नैशनल बैंक में 28,700.74 करोड़ रुपये के 2,047 धोखाधड़ी के मामले और एक्सिस बैंक में कुल 5,301.69 करोड़ रुपये के 1,944 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले (12,358.2 करोड़ रुपये), सिंडीकेट बैंक में 1,783 मामले (5830.85 करोड़ रुपये) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 9041.98 करोड़ रुपये के 1,613 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।

इसी प्रकार, आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने 5978.96 करोड़ रुपये के 1,264 मामलों, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने 1221.41 करोड़ रुपये के 1,263 मामलों, केनरा बैंक ने 5553.38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,254 मामलों, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11,830.74 करोड़ रुपये के 1,244 मामलों और कोटक महिंद्रा बैंक ने 430.46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,213 मामलों की सूचना दी है। पिछले 11 वर्षों की अवधि के दौरान, इंडियन ओवरसीज बैंक में 12,644.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1,115 मामले, जबकि ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 5,598.23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के ऐसे 1,040 मामले दर्ज किए गए हैं।

इस अवधि के दौरान, भारत में परिचालन करने वाले कुछ विदेशी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं। यूपीए-टू के दौरान 2012-13 में 8,590.86 करोड़ रुपये के 4,235 मामले , 2013-14 में 10,170.81 करोड़ रुपये के 4,306 मामले और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2014-15 में 19,455.07 करोड़ रुपये के 4,639 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए। वित्त वर्ष 2015- 16 और 2016- 17 में क्रमश: 18,698.82 करोड़ रुपये और 23,933.85 करोड़ रुपये मूल्य के 4,693 और 5,076 मामले सामने आए। वहीं, 2017-18 में 41,167.03 करोड़ रुपये के 5,916 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।

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