खुद को बेहतर साबित करने के लिए न्यूयार्क में हर वर्ष 5000 किमी की रेस आयोजित की जाती है. रेस कितनी कठिन होती है कि इसमें भाग लेने वाले धावकों को इस दौरान 20 जोड़ी जूते बदलने पड़ते हैं. धावकों को इसे 52 दिनों में पूरा करना होता है. आराम व दैनिक काम के लिए केवल छह घंटे का समय ही मिल पाता है. रेस का शुरुआत 1997 में हिंदुस्तान के आध्यात्मिक गुरु श्री चिन्मयानंद ने किया था.
रोजाना दौड़ना होता है 59.6 मील
रेस के दौरान धावकों को प्रतिदिन औसतन 59.6 मील दौड़ना या चलना होता है. उन्हें आराम करने के लिए औसतन 6 घंटे का वक्त ही मिल पाता है. इसमें दैनिक काम भी निपटाने होते हैं. अगर धावक ने कुछ देर ज्यादा आराम कर लिया तो उसे उस दिन अलावा मेहनत करनी होगी. धावक प्रातः काल 6 बजे से लेकर मध्य रात्रि तक दौड़ या चल सकता है.
आल्टो ने 40 दिन में रेस पूरी करके बनायारिकॉर्ड
2015 में फिनिश के पोस्टमैन ए। आल्टो ने इस रेस को 40 दिन 9 घंटे व 6 मिनट में पूरा करके नया रिकॉर्ड कायम किया था. उन्होंने प्रतिदिन 77 मील की दौड़ लगाई. 22 वर्षों के इतिहास में 4 हजार से ज्यादा लोगों ने रेस में भाग लिया है, लेकिन केवल 43 धावक ही इसे पूरा कर सके हैं.
2014 में इसे पूरा करने वाले स्कॉटलैंड के विलियम सिशेल का बोलना है कि यह उनके ज़िंदगी का सबसे रोमांचक लम्हा था. सिशेल चैंपियन धावक हैं. उनके नाम पर 693 दुनियारिकॉर्ड पंजीकृत हैं. स्लोवाकिया की धावक कनीनिका जानाकोवा ने 2017 में 48 दिन, 24 मिनट में रेस पूरी करके महिला वर्ग में रिकार्ड कायम किया था.
रेस का नाम श्री चिन्मय सेल्फ-ट्रान्सेंडेंट रेस
श्री चिन्मय 1960 में अमेरिका गए थे. न्यूयार्क प्रवास के दौरान वे आध्यात्मिक गुरु बन गए. वे अक्सर लबी दूरी की रेस के साथ वेट लिफ्टिंग में हाथ आजमाया करते थे. प्रार्थना वध्यान योग के जरिए उन्होंने खुद को इतना सशक्त बना लिया था कि वे हाथी, विमान व कार तक उठा लिया करते थे.
1988 से 2007 तक उन्होंने नेशनल मंडेला व डेसमंड टुटु समेत 8 हजार लोगों को उठाया. उनका बोलना था कि शक्ति आपके भीतर होती है. केवल उसे पहचानने की आवश्यकता है.अगर आप अपने अंर्तमन को शक्तिशाली बना लें तो कोई भी कार्य आपके लिए कठिन नहीं है.