बाकू। पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन और विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने मंगलवार को अज़रबैजान के बाकू में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के सीओपी29 (कॉप 29) के उच्च-स्तरीय सत्र में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य दिया। इस दौरान सिंह ने सभी देशों से यूएनएफसीसीसी और उसके पेरिस समझौते के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सामूहिक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया रामलला का दर्शन, राजगोपुरम का किया अनावरण
एक आधिकारिक बयान के अनुसार राज्यमंत्री ने दोहराया कि इस मंच पर लिए जाने वाले निर्णय यूएनएफसीसीसी और उसके पेरिस समझौते में दिए गए समानता, जलवायु न्याय और साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के मूल सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों, सतत विकास लक्ष्यों और गरीबी उन्मूलन, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के संदर्भ को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
Please watch this video also
जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में भारत की पहलों के बारे में जानकारी देते हुए सिंह ने कहा कि देश ने उत्सर्जन तीव्रता में कमी और गैर जीवाश्म आधारित स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता पर 2015 के एनडीसी लक्ष्यों को 2030 से बहुत पहले ही हासिल कर लिया है और अपनी महत्वाकांक्षा को और आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि कैसे भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 2014 के स्तर से लगभग तीन गुनी हो गई है और देश 2030 तक 500 गीगावाट लक्ष्य हासिल करने की राह पर है।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत अब तक एक अरब पौधे लगाए जा चुके हैं। यह सभी को अपनी मां और धरती माता के प्रति प्रेम, सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करता है।
इसके साथ ही भारत ने कुछ विकसित देशों की आलोचना भी की, जिन्होंने एकतरफा उपायों का सहारा लिया है, जिससे ग्लोबल साउथ (अल्प विकसित एवं गरीब देश) के लिए जलवायु संबंधी कार्यवाहिया और अधिक कठिन हो गई हैं।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी