इंग्लैंड के चैंबरशायर की रहने वाली 86 वर्ष की बुजुर्ग महिला के करीब 24 लाख रुपए (28 हजार पाउंड) सिटी काउंसिल ने जब्त कर लिए हैं. सुनने में अक्षम मैरी मोर्ले को 1989 में रिटायर होने के बाद से हर सप्ताह करीब साढ़े बारह हजार रुपए (149.54 पाउंड) सरकारी पेंशन मिलती है. उसने इसमें से बचा-बचाकर यह रुपए जमा किए थे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसी पर बोझ न डाला जाए. लेकिन, नियमों के तहत घर का फायदा ले रहे लोग करीब साढ़े तेरह लाख रुपए (16 हजार पाउंड) से अधिक जमा नहीं कर सकते.रकम जब्ती से महिला डिप्रेशन में
मैरी मोर्ले के 60 वर्ष के बेटे डेविड ने बताया कि उसकी मां अपनी सारी जिंदगी बचत करने वाली रहीं, लेकिन काउंसिल के इस कदम से वह रातोंरात डिप्रेशन में आ गई हैं. इस आयु में अधिकांश लोग अकेले होते हैं व उनके सामने कभी भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आ सकती है. इसलिए वे अपनी छोटी पेंशन में से थोड़ा-थोड़ा जोड़कर बुरे वक्त के लिए रखते हैं. इसके लिए उनको तय बचत सीमा को पार करने का दोषी मानना वास्तविकता को नजरअंदाज करना है.
6 महीने बाद अपील नामंजूर
सिटी काउंसिल ने पिछले वर्ष जनवरी में मैरी मोर्ले को बताया कि उन्होंने 32 हजार पाउंड जमा कर लिए हैं, जो निर्धारित सीमा से दोगुने हैं. इसकी वजह से उनको मिलने वाले हाउसिंग बेनिफिट व कर समर्थन को रोका जा रहा है. उनसे बोला गया कि उन्होंने काउंसिल से 12 हजार पाउंड का अधिक फायदा ले लिया है. उनके परिवार ने इसके विरूद्ध मार्च 2018 में अपील की पर छह महीने बाद उनकी अपील को नामंजूर कर दिया गया.
कोर्ट में चुनौती देने रुपए नहीं बचे
यही नहीं काउंसिल ने बोला कि उनसे गणना में गलती हुई है व अधिक ली गई राशि 22 हजार पाउंड होती है. इसके बाद उन्होंने इसे फिर बढ़ाकर 23 हजार व बाद में 28 हजार पाउंड कर दिया. मैरी मोर्ले अब इसे न्यायालय में ले जाने की तैयारी कर रही हैं पर उनके पास इसके लिए धन नहीं है, क्योंकि उनके सारे धन को काउंसिल ने जब्त कर लिया है.