जहां-जहां देवी सती के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई। वहीं पर भगवान शिव ने अपने स्वरुप भैरव को भी हर दरबार में तैनात किया है। हर देवी माता के दरबार में सुरक्षा के लिए शिव ने भैरव को बैठाया है। देवी के शक्तिपीठ स्थापित करने शिव स्वयं पृथ्वी पर आए थे।
मां की पूजा भैरव बाबा के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है, इसलिए नवरात्रि में कन्याओं के साथ की जाती है एक लड़के की पूजा। कन्याभोज के समय 9 कन्याओं के साथ एक लड़के का होना बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है। इससे आपके द्वारा की गई पूजा का फल आपको मिलना तय है।
अब यह पुण्य फल कोई और नहीं ले जा सकता। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपकी देवी पूजा का फल बुरी नजरों और ताकतों से बचा रहे तो कन्याओं के साथ बालक का पूजन भी अवश्य करें।