जहां-जहां देवी सती के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई। वहीं पर भगवान शिव ने अपने स्वरुप भैरव को भी हर दरबार में तैनात किया है। हर देवी माता के दरबार में सुरक्षा के लिए शिव ने भैरव को बैठाया है। देवी के शक्तिपीठ स्थापित करने शिव स्वयं पृथ्वी ...
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