स्मार्टफोन के इस्तेमाल के साथ ऐप्स का प्रयोग भी तेजी से बढ़ा है. ऐसे में हर यूजर्स अपने फोन में कई-कई ऐप्स को इंस्टॉल कर लेते हैं. जिसकी वजह हर चीज को आसान बनाना है. चाहे वह न्यूज पढ़नी हो, टीवी देखना हो या फिर किसी भी पैसे ट्रांसफर करने हो. हर किसी काम के लिए हम अपने मोबाइल ऐप्स पर निर्भर हो गए हैं. लेकिन हम ये नहीं जानते कि ये ऐप्स जाने अंजाने हमारे बैंक अकाउंट से चोरी कर रहे हैं वो भी बिना हमारी अनुमति या जानकारी के लिए. प्ले स्टोर पर एक ऐसी ऐप को स्पॉट किया गया है, जो यूजर्स के अकाउंट को खाली कर सकता है.
दरअसल सिक्यॉर-डी टीम की ओर से की गई एक नई रिसर्च में ‘ai.type’ नाम का एक ऐसा ऐप मिला है. जो बिना यूजर की परमिशन के प्रीमियम डिजिटल सर्विसेज खरीद सकता है. जिसके चलते यूजर्स को पता भी नहीं चलता और उसने कोई प्रीमियम कंटेंट सर्विस खरीदी है साथ ही उसके पैसे भी कट जाते.
वहीं मैशेबल इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक टीम ने कहा कि यह ऐप बैकग्राउंड में काम करता है. इसमें यूजर को बिना पता चले फेक ऐड व्यूज लिया जाता था, साथ ही ऐप डिजिटल खरीदारी भी कर सकता था, जिसके चलते यूजर के अकाउंट से पेमेंट की जा रही थी. बता दें कि Ai.type एक थर्ड-पार्टी कीवर्ड एंड्रॉयड ऐप है, जिसे 4 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है. इस ऐप को इजराइल की कंपनी ai.type LTD ने इजाद किया है. जिसका डिस्क्रिप्शन ‘फ्री इमोजी कीवर्ड’ की तरह दिया गया है.
सिक्यॉर-डी टीम के मुताबिक धोकाधड़ी करके इस ऐप ने अब तक करीब 18 मिलियन डॉलर यानी करीब 127 करोड़ रुपये का यूजर्स को चूना लगाने की कोशिश की है. हालांकि इसे सिक्योरिटी फर्म सिक्यॉर-डी ने बचा लिया. बताया गया कि एक लाख 10,000 मोबाइल से 14 मिलियन यानी करीब 1 करोड़ 40 लाख के ट्रांसैक्शन की रिक्वेस्ट आ चुकी है.
रिपोर्ट में बताया गया कि इस ऐप से 13 देश प्रभावित हुए हैं. इस ऐप के खतरनाक बैकग्राउंड ऐक्टिविटी के चलते प्ले स्टोर से जून में ही ब्लॉक करके हटा दिया गया था. लेकिन जिन यूजर्स ने इस ऐप को अपने फोन से अनइंस्टॉल नहीं किया है, वह इसके निशाने पर अभी भी बने हुए हैं. इसलिए यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे जल्द से जल्द इस ऐप को अनइंस्टॉल कर दें और अपने अकाउंट को सुरक्षित कर लें.