जम्मू-कश्मीर को लेकर चीन अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने बुधवार को फिर पाकिस्तान की हां में हां मिलाते हुए संयुक्त राष्ट्र परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। हालांकि उसकी इस कोशिश को झटका लगा क्योंकि सदस्य देशों ने इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताया। चीन ने कश्मीर के मुद्दे पर बंद कमरे में बातचीत की, लेकिन भारत के राजनयिक सहयोगी विशेष रूप से अमेरिका और फ्रांस ने इसे खारिज कर दिया। इस मामले पर भारत के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘हमें खुशी है कि न तो पाकिस्तान के प्रतिनिधियों द्वारा पेश की गई चिंताजनक तस्वीर और संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान के विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार लगाए गए बेबुनियाद आरोपों को विश्वसनीय नहीं पाया गया।
अकबरुद्दीन ने कहा कि जिन लोगों ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की उन्हें संयुक्त राष्ट्र में झटका लगा। उनका इशारा चीन की तरफ था जिसने वैश्विक संगठन के समक्ष दूसरी बार कश्मीर का मुद्दा उठाया। पिछले साल पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। जिसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह खुद और अपने सहयोगी चीन के जरिए दुनिया का ध्यान कश्मीर की ओर ले जाने की कोशिश करता रहता है।
अनौपचारिक परामर्श के परिणामों से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में अकबरुद्दीन ने कहा, ‘परिणाम हमारी इच्छानुसार आने की उम्मीद है। हमें इस बात की खुशी है कि कई दोस्तों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तंत्र मौजूद है जहां दोनों अपने मुद्दे उठा सकते हैं। विचलित करने के लिए झूठे बहानों का उपयोग करने की पाकिस्तान की प्रथा यह दिखाती है उसने एक बार फिर अपनी वही पुरानी चाल चली है।’
उन्होंने उम्मीद जताई की पाकिस्तान को आज जो करारा झटका मिला है वह उससे सीख लेगा और भारत के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने की कोशिश करेगा। अकबरुद्दीन ने अपने आधिकारिक ट्विटर के जरिए भारत के झंडे की तस्वीर शेयर की जो अपनेय देशों के झंडों के बीच शान से लहरा रहा था। भारतीय राजदूत ने ट्विटर पर लिखा, ‘आज संयुक्त राष्ट्र में हमारा झंडा ऊंचा लहरा रहा है। जिन लोगों ने झूठ को उठाने की कोशिश की उन्हें हमारे दोस्तों ने करारा जवाब दिया।’ इसी बीच फ्रांस के राजनियक सूत्रों ने कहा था कि उनके देश का रवैया स्पष्ट है कि पाकिस्तान और भारत को अपने मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से हल करने चाहिए।