हिंदी सिनेमा की शानदार अभिनेत्रियों में शुमार रत्ना पाठक शाह अपने अभिनय को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं। हालांकि, इसके अलावा जिस एक चीज की चर्चा जोरों पर होती है वह अभिनेत्री का बेबाक अंदाज है।
रत्ना पाठक शाह अक्सर अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी राय बड़ी बेबाकी से रखती नजर आती हैं। इन दिनों जहां एक तरफ रत्ना पाठक शाह अपनी आगामी फिल्म ‘धक धक’ को लेकर सुर्खियों में हैं, वहीं दूसरी ओर अभिनेत्री ने कुछ ऐसा कह दिया है, जो लाइमलाइट बटोर रहा है। दरअसल, रत्ना पाठक शाह ने हिंदी सिनेमा में बनने वाली फिल्मों और स्क्रिप्ट राइटर्स पर तंज कसा है। चलिए जानते हैं क्या बोलीं रत्ना पाठक शाह…
रत्ना पाठक शाह अपनी आगामी फिल्म ‘धक धक’ से दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ऐसे में अभिनेत्री फिल्म का जमकर प्रचार-प्रसार कर रही हैं और इंटरव्यू भी दे रही हैं। इन्हीं में से एक इंटरव्यू में अभिनेत्री ने बॉलीवुड में असली लेखकों की कमी के बारे में बात की और कहा कि 80-90 के दशक की कुछ सबसे मशहूर बॉलीवुड फिल्में हॉलीवुड फिल्मों की फ्रेम-टू-फ्रेम कॉपी हैं।
एक मीडिया संस्थान को हाल ही में दिए इंटरव्यू में, रत्ना पाठक शाह ने 80-90 के दशक में असली लेखकों की कमी के बारे में खुलकर बात की और कहा, ‘हमारे पास बहुत लंबे समय तक कोई सच्चे लेखक नहीं थे। कम से कम 80 और 90 के दशक में, मैंने हॉलीवुड की कॉपी हुई फिल्में देखी हैं, जिन्हें बार-बार बनाया जाता था और मूल के रूप में पेश किया जाता था। हमारी कुछ सबसे प्रसिद्ध फिल्में सही में फ्रेम-टू-फ्रेम कॉपी हैं। दुर्भाग्य से हमने एक ही तरह की चीजें बार-बार बनाने में खुश रहने में बहुत समय बिताया है।’
इसी बातचीत के दौरान, रत्ना पाठक शाह से बॉलीवुड में स्क्रीन पर एक-दूसरे के साथ रोमांस करने वाले अभिनेताओं के बीच उम्र के अंतर के बारे में पूछा गया था। इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘जब उन्हें शर्म नहीं आती तो मैं क्या कहूं? उन्हें अपनी बेटियों से छोटी अभिनेत्रियों के साथ रोमांस करने में शर्म नहीं आती, इसलिए मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। मेरा मतलब है कि यह शर्मिंदगी है।’ अभिनेत्री को अक्सर महिला अधिकारों के बारे में बोलते देखा जाता है और उन्होंने हाल ही में बताया कि सिनेमा के साथ-साथ समाज में महिलाओं की धारणा भी बदल रही है।