लखनऊ। घने कोहरे के बीच ज्यों ज्यों सूर्य की किरणें लखनऊ के राजपथ कहे जाने वाले विधान सभा मार्ग पर पड़ी। ठीक वैसे ही गणतंत्र दिवस समारोह को देखने वालों की उत्सुकता और उनका जोश परवान चढ़ा। छोटे बच्चों को लेकर हाथ में तिरंगा लहराते लोग जब विधान भवन की ओर परेड की एक झलक देखने को बढ़े, तो नजारा देखते ही बन रहा था। राज्यपाल के ध्वजारोहण करते ही राष्ट्रगान गूंज उठा। कुछ ही देर में यहां टैंकों की गडगड़ाहट साफ सुनायी देने लगी। टैंकों और सेना के हथियारों के बाद बैंड टुकडियों की देशभक्ति की धुन दूर-दूर तक लोगों का रोमांच बढ़ा रही थी। सेना और अर्द्ध सैनिक बलों की मार्च पास्ट टुकड़ी की बूटों की धमक ने युवाओं का उत्साह बढ़ाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले विधान भवन पर 71वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे। उनके बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल आयीं। राष्ट्रगान के बाद कमांडर मेजर वात्सल्य तिवारी के नेतृत्व में परेड बढ़ चली। सबसे आगे 48 आम्र्ड के दो टी-90 टैंक भीष्म थे जबकि उनके ठीक पीछे 14 गार्ड के दो बीएमपी और फिर 24 फील्ड रेजीमेंट की 105ध्37 एमएम लाईट फील्ड गन थी। मध्य कमान सिग्नल रेजीमेंट का एकीकृत संचार वाहन, 6 डिव सिग्नल रेजीमेंट के एकीकृत कमांड व कंट्रोल मल्टी परपज प्लेटफार्म और नौ राजपूत रेजीमेंट की 7.62 एमएम लाईट मशीन गन ने सेना की ताकत और जवानों की जांबाजी का परिचय कराया।