जीवन की सबसे गंभीर समस्याओं में से मानसिक थकान को एक माना जाता है और जीवन में इंसान एक बार इस गंभीर बीमारी का शिकार जरूर होता है।मानसिक थकान का मतलब होता है कि दिमाग का बहुत सारे कामों में एक साथ उलझा हुआ होना होता है।वहीं इस मानसिक थकान के कारण शारीरिक और मानसिक तौर पर इतना तनाव बन जाता है कि ऐसा लगता है जैसे की हम बीमार हो गए है।हमारे शरीर और दिमाग का एक साथ बहुत अधिक काम करने के कारण ही मानसिक थकान की स्थिति पैदा होती है।
मल्टी टास्किंग के कारण भी दिमाग को एक साथ कई काम करने पड़ते है और ऐसे में हम मानसिक थकान का शिकार जल्दी हो जाते है।मानसिक थकान होने पर शुरूआती तौर पर दिखाई देने वाले लक्षणों में हमें भूख का कम या अधिक लगना,इंसोम्निय,एंग्जायटी, ध्यान केंद्रित ना होना, किसी बात का बार—बार भूल जाना,सेक्स ड्राइव कम होना,त्वचा का रुखा हो जाना और हमारे शरीर का वजन भी लगातार घटता—बढता रहता है।
मानसिक थकान होने पर हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता धीरे—धीरे समाप्त होने लगती है और हम बीमार पड़ने लगते है।जिससे हमारी क्रियाशीलता पर बुरा असर पड़ता है।
मानसिक थकान की स्थिति से बचने के लिए हमे अपनी शारीरिक क्रिया में एक्सरसाइज को शामिल करना चाहिए।इसके अलावा एक से अधिक काम करना कम कर देना चाहिए।अपनी नींद को भी पूरा करना चाहिए और अपनी पंसद का
भोजन करना आवश्यक होता है।इसके अलावा योगासन को अपनाते हुए गहरी सांस लेने की विधि का प्रयोग करना चाहिए।अपने मित्रों को अधिक समय दे और उनसे बातचीत करे जिससे आप इस गंभीर समस्या से बच सकते है।