• सूचना एवं मनोरंजन का सशक्त माध्यम टेलीविजन- डाॅ विजयेन्दु चतुर्वेदी
• टेलीविजन विकास यात्रा आज डिजिटल टीवी तक पहुॅच गई- डाॅ राज नारायण
• आज टेलीविजन जन-जन के विचारों का माध्यम बनता जा रहा है- डाॅ अनिल विश्वा
अयोध्या। डाॅ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में गुरूवार को विश्व टेलीविजन दिवस पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने टेलीविजन की विकास यात्रा व उसके महत्व प्रकाश डाला। एमसीजे समन्वयक डाॅ विजयेन्दु चतुर्वेदी ने कहा कि टेलीविजन दृश्य-श्रव्य माध्यम है। इसकी प्रभावशीलता काफी अधिक है। यह सूचना एवं मनोरंजन के साथ जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम है।
विभाग के शिक्षक डाॅ राज नारायण पाण्डेय ने कहा कि टेलीविजन विकास यात्रा आज डिजिटल टीवी तक पहुंच गई है। इस माध्यम ने कई बदलाव देखें है। फिर भी लोक प्रियता बनी हुई है। शिक्षक डाॅ अनिल कुमार विश्वा ने कहा कि विश्व टेलीविजन दिवस 21 नवम्बर, 199 में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मनाने का निर्णय लिया गया। आज जन-जन के विचारों का माध्यम बनता जा रहा है।
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इस दिवस पर छात्र-छात्राओं ने भी संबोधित किया। छात्रा अनुश्री यादव ने कहा कि टेलीविजन संवाद का सटीक माध्यम है। छात्र प्रशांत तिवारी ने कहा कि टेलीविजन का प्रभाव समाज के सभी वर्गो पर पड़ा है। आदित्य शुक्ला ने कहा कि टेलीविजन से जनमानस भावानात्मक रूप से जुड़ जाते है। टेलीविजन घटनाओं का सीधा प्रसारण करने में सक्षम है। छात्रा सृष्टि कौशल ने कहा कि टेलीविजन ने लोगों के देखने व सोचने की राह आसान कर दी है।
अदिति पाठक ने कहा कि टेलीविजन का पूरे विश्व में प्रभाव है। कल्पना पाण्डेय ने कहा कि टेलीविजन ने चित्रों के माध्यम से लोगों की सोच को साकार किया। शाम्भवी गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में टेलीविजन सभी के लिए सुलभ है। एकता वर्मा ने कहा कि टेलीविजन ने आमलोगों के जीवन को बदल दिया है। कामिनी चैरसिया ने कहा कि टेलीविजन का जनमानस पर काफी प्रभाव है। दर्शकों के विचारों को बदला है। कार्यक्रम में छात्र दिवाकर चैरसिया ने कहा कि टेलीविजन महाभारत के पात्र संजय की दिव्य दृष्टि है।
मोहित मौर्य ने कहा कि टेलीविजन ने लोगों की सोच को साकार किया है। बृजेश गुप्ता ने कहा कि टेलीविजन ने लोगों के विचारों को बदल दिया है। गार्गी पाण्डेय ने कहा कि टेलीविजन सूचना शिक्षा मनोरंजन का एक सशक्त जरिया है। कार्यक्रम का संचालन श्रेया श्रीवास्तव, शगुन जायसवाल, अनुश्री द्वारा किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रही।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह