उदयपुर सेंट्रल जेल में बंद एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कोर्ट ने उसको उसकी 2 साल की बेटी की हत्या के आरोप में दोषी पाया और उसे उम्र कैद की सजा सुना दी. सजा के दूसरे दिन ही रामनिवास ने जेल के टॉयलेट में शॉल का फंदा बनाकर फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई. रामनिवास मूलत सुजानगढ़ का रहने था. वह उदयपुर में किराए के मकान में रहता था. उसे पत्नी के चरित्र पर संदेह था, इस कारण 2 साल की बेटी के साथ मारपीट करता था. 13 अक्टूबर 2015 को घर के बाहर रेलिंग पर मासूम बच्ची फांसी के फंदे पर लटकी मिली. जांच में पता चला कि उसकी हत्या रामनिवास ने ही कर दी थी. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
जेल में बंद रामनिवास गहरे अवसाद में था. उसे सजा मिली तो उसने जेल में ही फांसी लगाकर जान दे दी. शुक्रवार देर शाम जब जेल बंद होने के बाद कैदियों की गिनती की जा रही थी, तब एक कैदी कम मिलने पर जेल प्रहरियों ने उसकी तलाश की. तलाशी के दौरान रामनिवास का शव जेल की उद्योगशाला के पास टॉयलेट के रोशनदान में शॉल से बने फंदे पर लटका हुआ मिला.