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परंपरा के अनुसार बाबा विश्वनाथ बनेंगे दूल्हा, गाजा-बाजा के साथ होगा…

रंपरा के अनुसार बाबा विश्वनाथ इस बार भी वसंत पंचमी पर (26 जनवरी) दूल्हा बनेंगे। गाजा-बाजा के साथ तिलकहरू के रूप में दक्ष प्रजापति बेटी पार्वती के भावी वर को तिलक चढ़ाएंगे। तिलकोत्सव से संबंधित सभी विधान विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर संपन्न होंगे।

भगवान विष्णु समेत देवगणों के अनुरोध पर महादेव शिव गृहस्थ बनने को तैयार हुए तब वंसत पंचमी से उनके विवाह की रस्में शुरू हुईं। आदियोगी, औघड़ आदि अनेक विशेषण से विभूषित वही शिव काशी में लोकदेवता बन गए तो काशीवासियों ने अपने पुराधिपति से जुड़े उन सभी विधानों का निर्वहन-संपादन शुरू किया जिनका शिव महापुराण, ब्रह्मवैवर्त व स्कंद पुराणों में उल्लेख है।

डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि दक्ष प्रजापति अपने मित्र राजा-महाराजाओं के साथ कैलाश पर जाकर भगवान शिव का तिलक किया था। उसी आधार पर लोक में इस परंपरा का निर्वाह किया जाता है। सौ वर्षों में तिलकोत्सव की ऐसी धूमधाम चौथी बार दिखेगी। इससे पहले यह आयोजन विश्वनाथ मंदिर के रेड जोन में ही सिमटा था। दक्ष प्रजापति का दायित्व उद्यमी केशव जालान निभाएंगे। उनकी अगुवाई में काशी के बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक तिलक की बधइया यात्रा में शामिल होंगे। शहनाई की मंगल ध्वनि और डमरुओं के निनाद के बीच बधइया यात्रा केसीएम से टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास तक जाएगी।

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यह बाबा के तिलकोत्सव परंपरा का 358वां वर्ष है। बाबा की पंचबदन रजत प्रतिमा को पूजन-अभिषेक के लिए रजत सिंहासन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। तिलकोत्सव के लिए बाबा विश्वनाथ को खादी के परिधान धारण कराए जाएंगे। तिलकोत्सव के पूर्व पांच ब्राह्मण बाबा का पारंपरिक शृंगार करेंगे। सायंकाल 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

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