लखनऊ। देश के आईपीएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग में फिट नहीं पाए जाने पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद 1992 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सूबे के राज्यपाल के निदेश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सेवा पूर्ण होने से पूर्व ही बीती 21 मार्च को अधिसूचना जारी करके सेवानिवृत्त कर दिया है। अब सूबे की नामचीन समाजसेविका ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ‘जबरिया रिटायर्ड’ आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ सीबीआई जांच कराने की मांग उठा दी है।
उर्वशी कहती हैं कि अमिताभ ठाकुर द्वारा आय से अधिक सम्पातियाँ अर्जित करने, काले धन से परिवारीजनों के नाम पर संपत्ति क्रय-विक्रय करने, अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के साथ मिलकर अनेकों NGOs बनाकर काले धन को सफेद करने, पीआईएल ट्रेडिंग करने, आईपीएस पद का दुरुपयोग करके लोगों के प्लॉट्स पर अवैध कब्जे करने आदि के सम्बन्ध में माननीय लोक आयुक्त उत्तर प्रदेश के समक्ष एक परिवाद संख्या 2583-2015 दर्ज हुआ था, जिस पर जांचोपरांत लोक आयुक्त जस्टिस ( रिटायर्ड ) एन. के. मल्होत्रा ने अमिताभ ठाकुर को दोषी पाते हुए ठाकुर के खिलाफ प्रतिवेदन संख्या 04-2015 दिनांक 24 अगस्त 2015 को शासन को भेजा था जिस पर कार्यवाही लंबित है।
उर्वशी बताती हैं कि प्रतिवेदन की अनुशंषाओं के प्रथम बिंदु में माननीय लोकायुक्त ने प्रश्नगत प्रतिवेदन में इंगित समस्त तथ्यों का समावेश करते हुए अमिताभ ठाकुर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की सुस्पष्ट अनुशंषा की थी l लोकायुक्त ने 5 बिन्दुओं पर अनुशंषा करके अमिताभ ठाकुर के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसियों सी.बी.आई.,प्रवर्तन निदेशालय आदि से जांच कराने की भी अनुशंषा की थी l
उर्वशी ने केन्द्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि वे लोकायुक्त की रिपोर्ट की अनुशंषाओं के अनुसार अमिताभ ठाकुर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर अमिताभ ठाकुर द्वारा आय से अधिक सम्पातियाँ अर्जित करने, काले धन से परिवारीजनों के नाम पर संपत्ति क्रय-विक्रय करने, अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के साथ मिलकर नेशनल आरटीआई फोरम जैसे अनेकों NGOs बनाकर काले धन को सफेद करने, पीआईएल ट्रेडिंग करने, समाजसेवा के नाम पर कतिपय पत्रकारों के साथ मिलकर लोगों को ब्लैकमेल करने, आईपीएस पद का दुरुपयोग करके लोगों के प्लॉट्स पर अवैध कब्जे करने तथा लोगों को धमकाने और ब्लैकमेल आदि करने के लिए उनके खिलाफ झूंठी FIR लिखाने आदि के सम्बन्ध में केन्द्रीय जांच एजेंसियों सी.बी.आई., प्रवर्तन निदेशालय, इनकम टैक्स विभाग, आर्थिक अपराध इकाई आदि से अन्वेषण कराते हुए विधिक कार्यवाही कराने की कृपा करें l उर्वशी ने यही शिकायत सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी भेजी है। बकौल उर्वशी उनको विश्वास है कि केन्द्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कार्यवाही अवश्य करायेंगे।