विगत छह वर्षों के दौरान देश को यथास्थिति से आगे बढाने के अनेक कारगर प्रयास हुए है। उदारीकरण की शुरुआत पीवी नरसिंहराव सरकार के वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने की थी। उन्हें दस वर्ष तक प्रधानमंत्री रहने का भी अवसर मिला। लेकिन अर्थशास्त्री होने के बाद भी वह अनेक प्रतिकूल प्रभावों को रोकने में विफल रहे।
अनेक ऐसे लोकप्रिय निर्णय लिए गए जिनका दूरगामी दुष्परिणाम होना तय था। तब भारत आयात करने वाला देश बन रहा था। यह सब विरासत के रूप में नरेंद्र मोदी को मिले थे। इनमें सुधार के लिए बड़े बदलाव की आवश्यकता थी। नरेंद्र मोदी ने कड़े निर्णय लिए। यह समग्र विकास की यात्रा है।
इसमें कृषि, गांव, उद्योग स्वस्थ्य, रेल, परिवहन, शिक्षा आदि सभी पहलू शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह स्तम्भों के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने का मंसूबा व्यक्त किया गया। यह है स्वास्थ्य व कल्याण भौतिक और वित्तीय पूंजी, अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार, नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। वस्तुतः नरेंद्र मोदी सरकार इस नीति पर पहले से ही अमल कर रही है।
दोगुनी होगी कृषि आय
नरेंद्र मोदी सरकार किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। स्वामित्व योजना पूरे देश में लागू होगी। एग्रीकल्चर के क्रेडिट लक्ष्य सोलह लाख करोड़ का है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का प्रस्ताव है। जिसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा। पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा। प्रवासी मजदूरों के लिए देशभर में एक देश-एक राशन योजना शुरू की गई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की किसानों की आय दोगुना करने की ओर काम कर रही है। यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई है। हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है,दाल, गेंहू,धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई।
स्वस्थ भारत योजना
बजट में स्वस्थ भारत योजना का प्रस्ताव किया गया गया। चौसठ हजार करोड़ रुपये से अधिक इसके लिए दिए गए हैं। स्वास्थ्य बजट में एक सौ सैंतीस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई। सरकार की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थानीय मिशन को भारत में लॉन्च किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा। शहरों में अमृत योजना के लिए दो लाख सत्तासी हजार करोड़ रुपये जारी किए गए। मिशन पोषण दो का शुभारंभ होगा। कोरोना वैक्सीन के लिए पैंतीस हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
उद्योग व निवेश प्रोत्साहन
उद्योग दोनों के विकास हेतु पर्याप्त बिजली का होना अनिवार्य है। इसके लिए तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की स्कीम लॉन्च करने का प्रस्ताव है। इससे बिजली संबन्धी इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनेगा। हाइड्रोजन प्लांट के साथ ही पीपीपी मॉडल के अंतर्गत अनेक प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान में आधुनिक यातायात का भी बहुत महत्व होता है। इसके दृष्टिगत राष्ट्रीय रेल योजना तैयार हो गई है। रेलवे के अलावा मेट्रो, सिटी बस बस सेवा को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। देश में सात टेक्स्टाइल पार्क बनाए जाएंगे। इन प्रयासों से भारत एक्सपोर्ट करने वाला देश बनेगा। ढांचागत विकास व सुधार के माध्यम से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। कोई नया टैक्स न लगाकर इंडस्ट्री को राहत देने का प्रस्ताव है।
बुलंद होगी अर्थव्यवस्था
बजट में अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के अनेक प्रस्ताव है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से एक रूपरेखा प्रस्तुत की है। भविष्य को देखकर बजट तैयार किया गया है। यह पांच हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के सरकार के वादे की दिशा में है। अवसंरचना कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सरकार द्वारा अपना खर्च बढ़ाया गया है। वंचितों के सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है। निजी निवेश के मौके भी बढ़ाए गए हैं। इन अभी उपायों से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगा।
आसान होगी GST
कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र पर जोर दिया गया है। जल जीवन मिशन, स्वास्थ्य के लिए भारी धनराशि का प्रस्ताव किया गया। बीमा क्षेत्र में एफ डी आई सीमा बढाई गई है। एलआईसी का आईपीओ लाया जायेगा। उज्जवला योजना में एक करोड़ और लोग जुड़ेंगे।अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
एक हजार मंडियों को आन लाइन जोड़ा जायेगा। लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए भी बड़ी धनराशि आवंटित करने का प्रस्ताव है। पैंतीस हजार करोड़ रुपये कोरोना वैक्सीन के लिए प्रस्तावित है। पचहत्तर से अधिक आयु वाले लोगों को आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। पेंशन एवं ब्याज से आय पर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं। स्टार्ट अप को टैक्स हालीडे एक साल के लिए बढ़ा। जी एस टी को और आसान बनाया जाएगा।