मुंबई। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी ने आदित्य ठाकरे को विधायक दल का नेता चुना है। पार्टी के नेता अंबादास दानवे ने बताया कि मुंबई में विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें आदित्य ठाकरे को नेता चुना गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आदित्य ठाकरे के सामने पूरे पांच साल तक अपने विधायकों को एकजुट रखने की सबसे बड़ी चुनौती होगी। विधायक दल की बैठक उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री में हुई, जिसमें सर्वसम्मति से आदित्य ठाकरे को दोनों सदनों का नेता चुना गया। साथ ही पार्टी विधायक सुनील प्रभु को मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया।
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शिंदे गुट ने दिया तनाव
गौरतलब है कि हालिया विधानसभा चुनाव में शिवसेना उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा और पार्टी को सिर्फ 20 सीटों पर जीत हासिल हुई। आदित्य ठाकरे मुंबई की वर्ली सीट से चुनकर विधानसभा पहुंचे। हालांकि एकनाथ शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावाले के एक बयान ने उद्धव गुट को तनाव दे दिया है। दरअसल गोगावाले ने कहा है कि उद्धव गुट के कई विधायक शिंदे गुट के संपर्क में हैं। इसके बाद उद्धव गुट अलर्ट हो गया है और पार्टी को टूट से बचाने की तैयारी शुरू कर दी है।
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बीएमसी चुनाव में होगी आदित्य ठाकरे के नेतृत्व की परीक्षा
विधानसभा चुनाव में करारा झटका लगने के बाद शिवसेना उद्धव के सियासी भविष्य पर सवालिया निशान भी लग गया है। अब उद्धव गुट की असली चुनौती मुंबई के बीएमसी चुनाव में होगी। देश की सबसे अमीर नगर पालिका बीएमसी पर अभी शिवसेना का कब्जा है और बीते 30 वर्षों से बीएमसी पर शिवसेना (संयुक्त) का एकछत्र राज है। अब नई सरकार में बीएमसी के चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे में शिवसेना यूबीटी पर अब अपने बीएमसी के किले को बचाने की चुनौती है। अगर बीएमसी चुनाव में शिवसेना यूबीटी को हार का सामना करना पड़ता है तो बाल ठाकरे की राजनीति के उत्तराधिकार पर एकनाथ शिंदे का दावा और मजबूत हो जाएगा।