रमजान के पाक महीने में रोजा रखने के बाद इफ्तारी जरूरी होता है क्योंकि, इसी के साथ रोजा मुकम्मल होता है। इस बीच बिहार में सियासी इफ्तार पार्टी का दौर जोरों पर है।
ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक उमंग- डॉ रणजीत सिंह फुलिया
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की ओर से सीएम आवास में इफ्तार पार्टी के आयोजन के बाद जदयू की ओर से शनिवार को हज हाउस में इफ्तार पार्टी की जा रही है।ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बीजेपी अब क्या कहेगी?
आज शनिवार को जनता दल यूनाइटेड की ओर से इफ्तार पार्टी (Dawat-e-Iftar) आयोजित की जा रही है। पटना स्थित हज भवन में इसकी तैयारी भी की जा रही है। बैनर-पोस्टर में पार्टी नेताओं के आलावे मुख्यमंत्री की तस्वीरें भी लगाई गई है। इस इफ्तारी पर भी सबकी नजरें टिकी है। देखा जा रहा है कि इसमें पहुंचने वाले मेहमानों की सूची में कौन-कौन लोग होंगे। विपक्षी सभी पार्टियों की इस पार्टी पर पैनी नजर है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी की बीजेपी नेताओं ने जमकर मुखालफत की। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार हिंसा की आग में जल रहा है और मुख्यमंत्री दावत दे रहे हैं। बीजेपी ने नीतीश कुमार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया।
पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया गया। इससे पहले लाल किले की प्राचीर वाले बैनर के नीचे सीएम की इफ्तारी को लेकर भी बिहार में सियासी भूचाल आया था। एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार में जारी हिंसा के बीच इफ्तार पार्टी में जाने पर नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया था।