अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीन कार्ड, गर्भपात से लेकर ईसाइयों की सुरक्षा के बारे में बात की। ट्रंप ने आव्रजन पर अपने रुख को नरम करते हुए बड़ा वादा किया है। उनका कहना है कि जो विदेशी छात्र अमेरिका से स्नातक की पढ़ाई करते हैं, उन्हें अपने आप अमेरिका में रहने और काम करने के लिए ग्रीन कार्ड दिया जाएगा, ताकि उन्हें भारत और चीन जैसे देशों में वापस जाने से रोका जा सके, जहां वे अरबपति बन जाते हैं।
अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अप्रवास और अवैध अप्रवासियों का मुद्दा गर्मा रहा है। हालांकि, ट्रंप ने हमेशा योग्यता-आधारित कानूनी आव्रजन प्रणाली का समर्थन किया है। 78 वर्षीय ट्रंप ने कहा, ‘मैं जो करना चाहता हूं और जो करूंगा, वह यह है कि अगर आप (विदेशी छात्र) किसी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करते हैं तो मुझे लगता है कि आपको अपने आप ही इस देश में रहने के लिए ग्रीन कार्ड मिल जाना चाहिए। इसमें जूनियर कॉलेज भी शामिल हैं।’ग्रीन कार्ड, जिसे आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड के रूप में जाना जाता है, एक पहचान दस्तावेज है जो दिखाता है कि किसी व्यक्ति के पास संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थायी रहने का हक है।
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से संभावित उम्मीदवार ट्रंप ने अफसोस जताते हुए कहा, ‘ऐसी कहानियां जहां लोग किसी शीर्ष कॉलेज या कॉलेज से स्नातक होते हैं और वे यहां रहना चाहते हैं। उनके पास कंपनी बनाने की योजना होती है, मगर वे ऐसा नहीं कर पाते और वह भारत-चीन जैसे देशों में वापस चले जाते हैं, वे उन जगहों पर भी वही बुनियादी कंपनी चलाते हैं। बाद में हजारों-हजारों लोगों को रोजगार देकर बहु-अरबपति बन जाते हैं। ऐसा यह लोग यहां भी कर सकते थे।
ट्रंप ने STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थान से डिग्री प्राप्त करने के बाद विदेशी छात्रों को ग्रीन कार्ड मिलने के बारे में अपनी पहली अवधि की नीति दोहराई। उन्होंने कहा कि अगर आप (विदेशी छात्र) किसी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करते हैं तो मुझे लगता है कि आपको अपने आप ही इस देश में रहने के लिए ग्रीन कार्ड मिल जाना चाहिए।
कोई व्यक्ति जो स्नातक में बेहतर प्रदर्शन करता है, वो कंपनी के साथ कोई सौदा भी नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि वे देश में रह पाएंगे। मगर अब यह खत्म होने वाला है। इसे पहले दिन ही खत्म कर दिया जाएगा।
मैं अपवाद में विश्वास करता हूं: गर्भपात पर बोले ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को रूढ़िवादी ईसाई कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए धार्मिक समर्थकों से मतदान करने का आह्वान किया। हालांकि, इस दौरान उन्होंने गर्भपात पर ज्यादा कुछ बात नहीं की, जो समूह के लिए केंद्रीय महत्व का विषय है।
वाशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी स्थिति दोहराई कि गर्भपात प्रतिबंधों को मतदाताओं द्वारा राज्य-दर-राज्य आधार पर तय किया जाना चाहिए। बता दें, यह रुख अधिकांश रूढ़िवादी ईसाइयों के दृष्टिकोण के उलट है। वहीं, ट्रंप द्वारा अतिरिक्त संघीय विनियमों के लिए जोर देना या यहां तक कि चर्चा करने में संकोच करना यह दर्शाता है कि यह मुद्दा रिपब्लिकन के लिए कितना संवेदनशील हो गया है।
ट्रंप ने बार-बार कहा है कि अगर रिपब्लिकन गर्भपात के अधिकारों पर बहुत सख्त रुख अपनाते हैं तो उन्हें चुनावी हार का जोखिम उठाना पड़ सकता है। 2022 के कांग्रेस के मध्यावधि चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन का श्रेय उस वर्ष सुप्रीम कोर्ट के डॉब्स के फैसले को दिया जाता है, जिसने इस प्रक्रिया के लिए अधिकांश संवैधानिक सुरक्षा को हटा दिया था।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमने गर्भपात को संघीय सरकार से बाहर निकालकर राज्यों को वापस दे दिया है। लोग फैसला करेंगे और ऐसा ही होना चाहिए। रोनाल्ड रीगन की तरह, मैं मां के जीवन के लिए अपवादों में विश्वास करता हूं- दुष्कर्म और अनाचार … आपको अपने दिल की बात माननी होगी। आपको यह भी याद रखना होगा कि आपको चुना जाना है।’
गर्भपात को लेकर ट्रंप द्वारा किए बयानबाजी की लोगों ने आलोचना की। जब वे इस विषय पर चर्चा कर रहे थे, तो भीड़ में से कुछ लोग कोई मृत शिशु नहीं के नारे लगाने लगे थे।
ईसाई उतना मतदान नहीं करते जितना उन्हें करना चाहिए
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईसाई धर्म के प्रचारकों से अपील की है कि वे नवंबर में सामूहिक रूप से उनके पक्ष में मतदान करें और संकल्प लिया कि अगर वह निर्वाचित होते हैं तो वे धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे।