उत्तर प्रदेश के संभल में प्राचीन मंदिर मिलने के बाद अब बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी यानी वाराणसी में भी मुस्लिम बहुल मदनपुरा की घनी बस्ती में भी शिव मंदिर वाले आकार का वर्षो पुराना बंद मंदिर मिला है। बंद पड़े मंदिर की सूचना से सोमवार को पुलिस व प्रशासन हरकत में आ गया। एसीपी प्रभा पाठक ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर निरीक्षण किया। मंदिर पर काफी पुराना ताला लगा हुआ था। पुलिस ने ताला खुलवाकर अंदर दाखिल हुई और परिसर को देखा। मौके पर एहतियातन पुलिस व पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर काफी पुराना है। इसके बंद रहने की अवधि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता कि 45 वर्षीय स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि बचपन से ही मंदिर को देख रहा है।
मंदिर पूरब उत्तर और दक्षिण भाग से खुला है। स्थानीय लोगों के अनुसार दक्षिण भाग की तरफ लगा दरवाजा टूट गया था और अंदर जानवर चले जाते थे। इसके बचाव के लिए किसी ने दरवाजा लगा दिया। उसमें ताला किसने लगाया यह कोई नहीं जानता है।
मंदिर के आसपास पीएसी के पांच जवान व स्थानीय थाने के दो सिपाही लगा दिए गए हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है। मंदिर का आकार एक शिव मंदिर का है। बाहरी आकार को देखकर इसकी गुंबद की आकृति शिव मंदिर की ही लगती है। कुछ बुजुर्गों का कहना है कि यह एक बंगाली परिवार का मकान था, जिसे बाद में उसने मुस्लिम व्यापारी को बेच दिया। वर्तमान में वहां साड़ी की गद्दी है और कुछ लोग रहते भी हैं। उसी मकान के पूर्वी भाग में यह मंदिर स्थित है।
सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का दावा है कि पास में स्थित दंतेश्वर महादेव मंदिर के दक्षिण में सिद्धेश्वर महादेव व सिद्धेश्वर कूप का काशी खण्ड में उल्लेख मिलता है। यह मंदिर सिद्धेश्वर महादेव का है। यहां स्थित गोल चबूतरा सिद्धेश्वर कूप हुआ करता था।