- Published by- @MrAnshulGaurav
- Friday, August 05, 2022
नई दिल्ली। भारतीय कामगारों की शिकायतों को दूर करने के लिए विदेश मंत्रालय अनेक तरह की योजनाओं पर काम कर रहा है। ये कहना है विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन का। दरअसल राज्यसभा में सवाल पूछा गया की-
- भारतीय श्रमिकों की विदेशों में क्या स्तिथि है?
- क्या खराब जीवनयापन की स्थितियों के संबंध में जांच हुयी है?
- कोविड-19 संकट के दौरान भारतीय प्रवासियों की सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाये गए?
इन सवालों का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सरकार की तरफ से किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी है। उनका कहना है कि महामारी के दौरान यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता थी कि रोज़गार के नुकसान के रूप में भारतीय श्रमिकों पर इसका कम प्रभाव हो।
इन देशों से संबंध और समझौते लाये रंग, मिला भारतीय प्रवासियों को फायदा:
वंदे भारत मिशन के माध्यम से कोविड-19 महामारी के समय विदेश में फंसे नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाने में सहायता प्रदान की गयी, ‘स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डाटाबेस फॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट’ पोर्टल आरंभ किया गया। ‘स्वादेस’ के तहत पंजीकरण की संख्याे 34118 है। ‘श्रम और जनशक्ति सहयोग समझौते के तहत बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात तथा जॉर्डन के साथ ज्ञापन पर हस्ताक्षर और करार किये गए हैं।
इसके अलावा सितंबर 2009 में डेनमार्क के साथ जनशक्ति में सहयोग के लिए एक ‘श्रम आवाजाही सहभागिता करार’ पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत और जापान ने जनवरी 2021 में “विशिष्ट कुशल श्रमिकों ” से संबंधित प्रणाली के उचित संचालन की सहभागिता के लिए मौलिक संरचना के संबंध में एक सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। मिशन प्रवासी भारतीय नागरिकों को संकट के समय में सहायता प्रदान करने के लिए समय-समय पर भारतीय सामुदायिक कल्याण कोष का भी उपयोग करते हैं।
विदेश में भारतीय कामगारों की शिकायत निवारण के लिए है मजबूत तंत्र:
सरकार के पास विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों की कार्यचालन स्थिति की निगरानी और शिकायत निवारण के लिए मजबूत तंत्र है। भारतीय प्रवासी कामगारों से संबंधित श्रम विवादों पर कार्यवाही और निपटान के लिए विदेश स्थित मिशनों/केंद्रों द्वारा विवादों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाती है। खाड़ी देशों में सभी भारतीय मिशनों में विशिष्ट लेबर विंग भी हैं।
कठिनाई का सामना करने वाला कोई भी कामगार मदद पोर्टल, ई-माइग्रेट पोर्टल और प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र की 24×7 हेल्पलाइन के माध्यम से उनसे संपर्क कर सकता है। इसके साथ ही कुल शिकायतों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री वी.मुरलीधरन ने बताया कि प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (पीबीएसके) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 से मार्च 2022 की अवधि के दौरान, भारतीय मिशनों/केंद्रों में कुल 3784 शिकायतें दर्ज की गई थीं।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)