देश में पर्यावरण को हो रहे नुकसान का लोगों के जीवन पर भी गंभीर असर पड़ रहा है. सर्दियों में वायु प्रदूषण और गर्मियों में तेज धूप से सेहत खराब हो रही है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि खराब पर्यावरण की वजह सेअस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही है. बढ़ते वायु प्रदूषण से हर साल लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे लोगों को फेफड़ों में संक्रमण से लेकर किडनी, हार्ट और सीपीओडी जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.
आकाश हेल्थकेयर, द्वारका के इंटरनल मेडिसिन विभाग की कंसलटेंट डॉक्टर परिणीता कौर बताती हैं कि कैंसर, अस्थमा और यहां तक कि ह्रदय सम्बंधी बीमारियां ख़राब पर्यावरण के कारण ज्यादा हो रही है. जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे वैसे बीमारियां भी बढ़ रही हैं.
प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को बचाने के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी रोजमर्रा की आदतों में बदलाव करें. भारत पहले ही साल 2070 तक नेट ज़ीरो (शुद्ध-शून्य) उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह तभी संभव होगा जब सरकार और आम जन मिलकर काम करेंगे. हम इस खूबसूरत ग्रह को बचाकर ही अपने स्वास्थ्य को बचा सकते हैं.
पिछली बार कई ऐसे केस भी देखे गए थे, जहां बिना धूम्रपान करने वाले लोगों के भी फेफड़ों में संक्रमण हो गया था. हर साल ऐसे मामलों में इजाफा देखा जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण हमारा खराब होता पर्यावरण है.