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डॉ. क्षितिज के ‘अइसन हमार गांव रहा’ अवधी कविता संग्रह का लोकार्पण एवं परिचर्चा सम्पन्न

कल्याण/मुंबई। अवधी-मराठी कला अकादमी के तत्वाधान में डॉ. रमाकांत क्षितिज के अवधी काव्य संग्रह ‘अइसन हमार गांव रहा’ का लोकार्पण होली होराइजन स्कूल कल्याण पूर्व में संपन्न हुआ। इस अवसर पर ‘अइसन हमार गांव रहा’ कविता संग्रह पर परिचर्चा भी हुई। उल्लेखनीय है कि अवधी में लिखी इस काव्य संग्रह का विमोचन पिछले दिनों अमेठी में हुआ था। इसका प्रकाशन हिन्दी अकादमी मुंबई ने किया है। इसके पहले भी डॉ क्षितिज कई पुस्तकें लिख चुके हैं।

इस अवसर पर परिचर्चा में भाग लेते हुए मुख्य वक्ता डॉ. विजय पंडित ने कहा कि अपनी संस्कृति से जुड़े रहने में क्षेत्रीय भाषाएँ आज की युवा पीढी के लिए बहुत काम आयेंगी। गांव, परिवार के प्रति इस पुस्तक की रचनाएं लोगो को और अधिक जोड़ेंगी। डॉ. क्षितिज के व्यक्तित्व,आध्यात्मिक रुझान पर भी डॉ. पंडित ने प्रकाश डाला। ओमप्रकाश पाण्डेय नमन ने कहा कि बोलियों से अपनेपन का अहसास अधिक होता है। रमाशंकर चंदू तिवारी ने कहा कि अवधी में लिखी यह क़िताब विलुप्त हो रहे शब्दों से लोगो को रूबरू कराएंगी। वरिष्ठ समाजसेवी बबन चौबे ने डॉ. क्षितिज की इस पुस्तक को स्वागत योग्य बताया साथ ही भोजपुरी कविता सुनाकर लोगों का मन मोह लिया।

इस अवसर पर उद्योगपति मनोज राय ने कहा यह क़िताब और इसकी कविताएं अवश्य हो लोगो को गांव के ओर आकर्षित करेंगी साथ ही यह भी कहा कि डॉ. क्षितिज लेखनी और करनी दोनों हमेशा समानता रहती है। सदानंद बाबा तिवारी ने कहा कि यह पुस्तक मेट्रो सिटी में रह रहे लोगो को गांव से वहां की संस्कृति से साक्षात्कार करा देगी। वरिष्ठ नेता पारसनाथ तिवारी ने कहा की अवधी में क़िताब वह भी कल्याण मुंबई में लिखी जाय, यह स्वागत योग्य तो है ही अनुकरणीय भी है। विश्वनाथ दूबे ने कहा कि डॉ. क्षितिज एक चिंतक हैं, इनके चिंतन में ही इनकी रचनाएँ बन जाती हैं। इनसे बिना मिले भी आप इनके व्यक्तित्व से मिल जाते हैं। अरुण प्रकाश दूबे ने कहा कि क्षितिज कीं रचनाएँ क्षितिज के जीवन शैली से मेल खाती हैं। संजय पाण्डेय ने पुस्तक पर विस्तृत विचार रखे.कई अन्य वक्ताओं ने भी पुस्तक पर अपने विचार रखे।

इस अवसर पर डॉ. क्षितिज के कहानी संग्रह ‘जीवन संघर्ष’ श्मशान भूमिका में हुये विमोचन और उनके काव्य संग्रह ‘काश! आठवीं संतान लड़की होती’ के प्रयागराज संगम पर तीन पवित्र नदियों के ऊपर नाव पर विमोचन की चर्चा भी हुईं। इस अवसर पर अवधी प्रेमी महानुभावों को अवधी-मराठी कला अकादमी की तरफ से ‘अवधी कय पहरुआ’ सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ समाजसेवी श्रीभगवान तिवारी के हाथों दीप प्रज्वालन से हुई। सभी वक्ताओं ने अपने विचार अवधी में ही रखे। डॉ. रमाकांत क्षितिज ने इस अवसर पर उपस्थिति सभी लोगों का हृदय से आभार माना। आरके पब्लिकेशन के रामकुमार के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर मुन्ना तिवारी, शोभनाथ मिश्र, शिवपुजन मिश्र, गिरिजाशंकर मिश्र, शिक्षक पत्रकार विनोद दूबे, शिक्षाविद चन्द्रवीर यादव,विनोद पाण्डेय, सभाजीत पाण्डेय, प्यारेलाल यादव, ओम तिवारी, डॉ. जेपी शुक्ल, उमाशंकर दूबे पत्रकार अरविन्द त्रिपाठी, महेश द्विवेदी, अरविन्द मिश्र, रोहित शुक्ल, सुशील पाण्डेय के साथ अनेक अवधी प्रेमी भी उपस्थिति रहे।

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