जयपुर की एक विशेष अदालत ने करीब नौ साल पहले अजमेर स्थित सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट मामले में दोषी पाये गए भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनायी है
ज्ञातव्य हो कि इसके पूर्व अदालत 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट मामले में असीमानंद समेत सात आरोपियों को पहले ही संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
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