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एल्बेंडाजोल की दवा पूर्ण सुरक्षित, कोई दुष्प्रभाव नहीं- सीएमओ

• जनपद में मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

• 6.33 लाख एक से 19 साल के बच्चे खाएंगे एल्बेंडाजोल की गोली

• स्कूल-कॉलेज व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को खिलाई जाएगी दवा

औरैया। एक से 19 वर्ष तक आयु के लक्षित करीब 6 लाख 33 हज़ार 583 बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए शुक्रवार 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डिवार्मिंग डे) अभियान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जायेगा।

10 फरवरी को जनपद के कुल 1265 स्कूल, 289 कॉलेज और 1789 आंगनबाड़ी केंद्रों में कृमि से मुक्ति (पेट के कीड़े निकालने) के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इसके बाद 13 से 15 जुलाई तक मॉप अप राउंड स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित होंगे। अभियान के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

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एल्बेंडाजोल की दवा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि एल्बेंडाजोल के सेवन से कृमि संक्रमण से बचाव होता है। यह दवा पूर्ण सुरक्षित है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। इस दवा खाली पेट दवा नहीं खानी है। बच्चों के पेट में कीड़े होने पर शरीर में खून की कमी हो जाती है और शरीर में कुपोषण कुपोषित हो सकता है। इससे संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास भी नहीं हो पाता है।

एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, 6 से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकेवं घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। जबकि 6 से 19 तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।

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अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ शिशिर पुरी ने कहा कि बीमार बच्चे को कृमि मुक्ति की दवा नहीं खिलाई जाएगी। यदि किसी भी तरह उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब सही हो जाता है। इसके अलावा फिर भी किसी अन्य तरह की बड़ी परेशानी हो तो मुफ्त एंबुलेंस सेवा के टोल फ्री नंबर 108 से मदद ले सकते हैं।

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक अजय पांडेय ने बताया कि बच्चों को निर्धारित डोज के अनुसार दवा दी जाएगी। इसमें एक से दे वर्ष को बच्चों के अल्बेंडाजोल 400 एमजी टैबलेट को आधा कर उसका चूरा पानी के साथ खिलाना है। दो से तीन वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी का एक टैबलेट चूर्ण कर पानी के साथ खिलाना है। इसके साथ ही तीन से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को एक पूरा टैबलेट चबाकर खिलाना है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है।

कृमि संक्रमण के लक्षण

  • गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना।
  • बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे।
  • हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।

कृमि मुक्ति के फायदे

स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
एनीमिया नियंत्रण
सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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