अमेरिका चालू कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार बनकर उभरा है। इस अवधि में चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 41.6 अरब डॉलर पहुंच गया। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच जनवरी-जून में कारोबार सालाना आधार पर 5.3 फीसदी बढ़कर 62.5 अरब डॉलर पहुंच गया। भारत ने अमेरिका को सबसे ज्यादा 41.6 अरब डॉलर का निर्यात किया। यह जनवरी-जून, 2023 के 37.7 अरब डॉलर से 10.5 फीसदी अधिक है। इस अवधि में भारत ने चीन से सर्वाधिक 50.1 अरब डॉलर का आयात और 8.5 अरब डॉलर का निर्यात किया।
रिकॉर्ड 849 अरब डॉलर का विदेशी व्यापार : देश का विदेशी व्यापार (निर्यात-आयात) जनवरी-जून में 5.8 फीसदी बढ़कर 849 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
- औद्योगिक उत्पादों का निर्यात 61.1 फीसदी बढ़कर 140.79 अरब डॉलर पहुंच गया। बासमती चावल निर्यात 24.3 फीसदी बढ़कर 3.42 अरब डॉलर पहुंच गया।
126 देशों को बढ़ा निर्यात
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, जनवरी-जून में देश का व्यापारिक निर्यात 5.4 फीसदी बढ़कर 230.5 अरब डॉलर पहुंच गया। भारत 239 देशों को निर्यात करता है, जिनमें 126 में निर्यात बढ़ा है और 98 देशों में गिरावट आई है।
इंजीनियरिंग निर्यात 3.6 फीसदी बढ़ा
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात जुलाई में 3.6 फीसदी बढ़कर 9.04 अरब डॉलर पहुंच गया। ईईपीसी के मुताबिक, जुलाई, 2023 में यह 8.72 अरब डॉलर था।