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भारतीय मूल के वैज्ञानिक प्रोफेसर कुलकर्णी को सम्मानित करेगा अमेरिका, मिलेगा प्रतिष्ठित शॉ पुरस्कार

वॉशिंगटन:  अमेरिका में भारतीय मूल के खगोलशास्त्री प्रोफेसर श्रीनिवास आर कुलकर्णी को प्रतिष्ठित शॉ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बताया गया है कि प्रोफेसर कुलकर्णी ने मिलीसेकंड पल्सर, गामा किरण विस्फोट, सुपरनोवा और अन्य खगोलीय पिंडों की खोज की है। उन्होंने इन अभूतपूर्व अन्वेषणों के लिए खगोल विज्ञान में शॉ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। श्रीनिवास आर कुलकर्णी कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिकी, गणित और खगोल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर हैं।

इन वैज्ञानिकों को मिलेगा शॉ पुरस्कार
प्रोफेसर कुलकर्णी के अलावा अमेरिका के वैज्ञानिक स्वी ले थीन और स्टुअर्ट ऑर्किन को जीव विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में शॉ पुरस्कार दिया जाएगा। बताया गया है कि वैज्ञानिक पीटर सरनाक को गणितीय विज्ञान में शॉ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

प्रोफेसर कुलकर्णी ने की अभूतपूर्व खोज
शॉ पुरस्कार फाउंडेशन का कहा ‘प्रोफेसर कुलकर्णी ने खगोल विज्ञान में शानदार अन्वेषण किए हैं। आकाश के प्रति उनकी समझ से खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई क्रांति आई है। प्रोफेसर कुलकर्णी और उनके उत्तराधिकारी ज्विकी ने नेतृत्व में पालोमर ट्रांसिएंट फैक्ट्री की संकल्पना और निर्माण किया गया। बता दें पालोमर ट्रांसिएंट फैक्ट्री एक खगोलीय सर्वेक्षण था।
प्रोफेसर कुलकर्णी ने 1978 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से एमएस किया था। इसके बाद उन्होंने 1983 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी की। प्रोफेसर कुलकर्णी वर्ष 2006 से 2018 तक कैलटेक वैधशाला के निदेशक भी रहे।

इन्हें दिया जाता है शॉ पुरस्कार
शॉ पुरस्कार खगोल विज्ञान, जीव विज्ञान और चिकित्सा और गणितीय विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व खाजों के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वैज्ञानिकों को 1.2 मिलियन डॉलर दिए जाते हैं। 12 नवंबर को हांगकांग में इस सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।

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