अंकिता हत्याकांड में सबूतों को मिटाने, और जांच में हीलाहवाली का आरोप लगाते हुए आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उपवास कर विरोध दर्ज किया।वनंतरा रिजॉर्टक के मालिक और भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य सहित दो हत्यारोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
हत्यारोपियों को गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था, जिसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे रहे लोगों ने पुलिस रिमांड नहीं मिलने पर कई सवाल उठाए थे। हत्यारोपियों की न्यायिक हिरासत 06 अक्तूबर को खत्म हो रही है।
इस बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अंकिता के हत्यारोपियों को सजा तभी मिलेगी जब साक्ष्य बचेंगे। साक्ष्यों को नष्ट किया जा रहा है। समय से कोई कदम नहीं उठाया गया। गिरफ्तारी में देरी हुई। अंकिता का शव बरामद करने में देरी हुई। जिस रिजॉर्ट में साक्ष्य थे उस पर बुलडोजर चलवा दिया गया।
डीजीपी की ओर से अंकिता के पिता के साथ फोन पर की गई बातचीत का ऑडियो डीजीपी की ओर से सोशल मीडिया में सार्वजनिक करने पर भी उन्होंने आपत्ति जताई है। मालूम हो कि कोटद्वार बार एसोसिएशन ने प्रदेश की बेटी अंकिता भंडारी के हत्यारों की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है।
एसआईटी की टीम ने डीआईजी पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में रिजॉर्ट और घटनास्थल के आसपास जांच पड़ताल भी की।एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अंकिता हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है और यह दिल दहलाने वाला हादसा है।