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स्वरकोकिला लता मंगेशकर को अमूल ने इस खूबसूरत आर्टवर्क के जरिए दिया ट्रिब्यूट, लोगों को भी आया पसंद

 देश ने भारत रत्न और भारत की स्वरकोकिला लता मंगेशकर को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया. उन्होंने लगभग सात दशकों तक कई पीढ़ियों को एक से बढ़कर एक गाने दिए जो आज भी लोगों को प्लेलिस्ट में टॉप पर रहते हैं. पॉपुलर ब्रांड अमुल  ने भी लता मंगेशकर को ट्रीब्यूट दिया है. अमूल ने लता मंगेशकर को बेहद खास अंदाज में श्रद्धांजलि दिया है.

अमूल अपने ऑर्ट वर्क और मोनोक्रोमैटिक डूडल के लिए पॉपुलर है. अब इस ब्रैंड ने उनकी तीन तस्वीरों के अपने आर्टवर्क में दिखाया है. पहली तस्वीर लता मंगेशकर के बचपन की है, दूसरी तस्वीर में वो तानपुरा बजाती हुई नजर आ रही हैं और तीसरी तस्वीर में वो स्टेज पर गाते हुए दिखाया गया है. जिसमें वो माइक स्टैंड के सामने खड़ी होकर गाते हुए नजर आ रही हैं.

यह लाइन उनके पॉपुलर गीत ‘तू जहां जहां चलेगा मेरा साया साथ होगा’ के रेफरेंस में लिखा गया है. यह गाना 1966 में आई फिल्म ‘मेरा साया’ का था जिसे आज भी लोग गुनगुनाते और सुनते हुए नहीं थकते हैं. अमूल का यह आर्टवर्क लोगों को काफी पसंद आ रहा है. खासकर सोशल मीडिया पर यह धड़ल्ले से वायरल हो रही है. लोग अमूल ब्रांड के इस ट्रीब्यूट की और क्रिएटिविटी की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

उन्होंने 1940 से लगातार एक से बढ़कर एक गाने गाए. भारतीय सिनेमा के महान पार्श्व गायकों में से एक के रूप में, लता मंगेशकर ने साल 1942 में 13 साल की उम्र में करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं

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