लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि लोगों के जानमाल की सुरक्षा उत्तर प्रदेश में भगवान भरोसे है। अपराधियों के खौफ के चलते प्रदेश में डर का माहौल है। प्रशासन तंत्र का मनोबल गिरा हुआ है। मुख्यमंत्री जी का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है, वे सिर्फ सख्त जबानी बयानबाजी और जांच की थोथी घोषणाओं के जरिए भी कुर्सी की प्रतिष्ठा बचाने तक में असफल हैं। फिर भी राज भवन मूक दृष्टा की भूमिका में क्यों है?
प्रतापगढ़ में हफ्ते भर में तीसरी बड़ी वारदात से व्यापारी दहक उठे हैं। जनपद के मंगरौरा बाजार में दिन दहाड़े गल्ला व्यापारी से 16 लाख रूपए लूट लिए गए। मऊ में दलित युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोण्डा में एक महिला पुलिस कर्मी की इज्जत पर पुलिस कर्मी ने डाका डाल दिया। महिला पुलिस को कमरा दिखाने के बहाने बुलाकर दुष्कर्म किया गया।
राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र स्थित गांव में अकेली किशोरी के साथ बलात्कार की घटना घटी। थाने पर पहले पुलिस ने एफआईआर करने में टाल मटोल किया। सचिवालय मेट्रो स्टेशन में एक युवती से छेड़छाड़ की गई। एक-न्यूज चैनल की ऐंकर से गाजियाबाद से मेरठ जाते हुए रास्ते में दो युवकों ने छेड़खानी की। रेउसा, सीतापुर के थानगांव थाना क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात स्वीपर ने बदनीयती से एक बालिका को दबोच लिया और दुष्कर्म का प्रयास किया।
अमेठी में ग्राम सभा राजा फतेहपुर में दबंगों ने एक पत्रकार के घर पर हमला कर उनकी बूढ़ी मां, बुआ, भाभी और भाई को चोट पहुंचाई। पुलिस में रिपोर्ट किए जाने के बाद मंगलवार को पत्रकार के घर में दबंगों ने आग लगा दी। औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में एक महिला की निर्मम हत्या कर दी गई। शाहाबाद हरदोई में सरकारी नल पर पानी भरने के विवाद में दबंगों ने एक महिला को बुरी तरह घायल कर दिया।
भाजपा के जंगलराज में महिलाएं एवं बच्चियां सर्वाधिक अपमानित हुई है। बेटियों पर अत्याचार नहीं रूक रहा है। ग्रेटर नोएडा में छेड़खानी से परेशान दो बेटियां खुद को बचाने के लिए चलती बस से कूद पड़ी। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भाजपा के पूर्व विधायक द्वारा छात्रा से छेड़खानी का वीडियो विचलित करने वाला है। जब प्रदेश भर में कानून व्यवस्था चौपट है तो उसमें सामान्यजन का जीवन हर क्षण संकट में ही रहता है। बच्चियों के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के चलते अब अभिभावकों के समक्ष यक्ष प्रश्न है कि वे कैसे पढ़ाएं और कैसे बचाएं?
मुख्यमंत्री जी ने पहले रोमियों स्क्वाड बनाया जिस का खुद ही अपनी हरकतों से नाम बदनाम हो गया पिंक बूथ दिखावे के रह गए। मिशन शक्ति के नाम पर कोई प्रभावी कार्यवाही नज़र नहीं आई। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 सेवा शुरू की थी। उसे 112 नम्बर बना कर निष्प्रभावी बना दिया गया। छेड़खानी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए समाजवादी सरकार में 1090 वूमेन पावर लाइन सेवा शुरू की गई थी जिसकी प्रशंसा अन्य प्रदेशों तक में हुई थी, उसको भी बर्बाद कर दिया गया। प्रदेश भर में भाजपा सरकार और उसके नेतृत्व द्वारा संरक्षित अपराधी अराजकता मचाए हुए है। त्रस्त जनता अपना धैर्य खो चुकी है। राज्य की पीड़ित जनता को राजभवन की संवैधानिक उत्तरदायित्व निर्वहन की जिम्मेदारी का इंतजार है।