आर्थिक सुस्ती (Economic Slowdown) व महंगाई के इस दौर में अब अगले हफ्ते से आपके ग्रोसरी बिल पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। दरअसल, अगले हफ्ते 18 दिसंबर को चीज एवं सेवा कर परिषद (GST Council) की मीटिंग होने वाली है। GST काउंसिल की इस मीटिंग में 5 प्रतिशत के कर स्लैब को बढ़ाकर 6-8 प्रतिशत तक कर सकती है। जीएसटी लागू करने के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा, जब GST काउंसिल गंभीरता से दरें बढ़ाने पर विचार करेगा।
आम आदमी के बजट पर पड़ेगा प्रभाव
अगर 18 दिसंबर को होने वाले मीटिंग में GST काउंसिल दरें बढ़ाने का निर्णय लेता है तो इससे चार, कॉफी, फ्रोजेन सब्जी व दवाईयों समेत कई वस्तुओं की कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। जाहिर, GST काउंसिल के इस निर्णय से आम आदमी के बजट पर सीधे प्रभाव पड़ेगा।
जीएसटी स्लैब रिस्ट्रक्चर करने से 1 हजार करोड़ बढ़ेगा रेवेन्यू
वर्तमान में, GST के दायरे में आने वाले सभी वस्तुओं व सेवाओं को चार स्लैब में बांटा गया है। ये स्लैब 5, 12, 18 व 28 प्रतिशत के स्लैब में आते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बोला जा रहा है कि जीएसटी स्लैब को फिर से रिस्ट्रक्चर करने के बाद GST रेवेन्यू में अलावा 1 हजार करोड़ रुपये का इजाफा होने कि सम्भावना है।
आम आदमी के लिहाज से देखें तो 5 प्रतिशत का GST स्लैब बहुत जरूरी है, क्योंकि रोजमर्रा में कार्य आने वाली अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं इसी स्लैब के भीतर आती हैं। बोला जा रहा है कि GST काउंसिल इसी स्लैब को बढ़ाकर 6-8 प्रतिशत के करीब कर सकता है।