नरेंद्र मोदी इस समय लगातार कोरोना पर अनेक वर्गों में विचार विमर्श कर रहे है। इनमें चिकित्सक, विशेषज्ञ, अर्थव्यवस्था से जुड़े लोग, कैबिनेट के सहयोगी,सार्क सदस्य, मुख्यमंत्री आदि शामिल है। इस विचार विमर्श के आधार पर कोरोना से मुकाबले को रणनीति बनाई जा रही है। इसी के साथ मोदी एक हफ्ते के भीतर दो बार राष्ट्र को सम्बोधित कर चुके है। संवाद के प्रत्येक चरण में वह कोई न कोई सन्देश भी देते है। कैबिनेट बैठक की आंतरिक फोटो आमतौर पर प्रसारित नहीं कि जाती है।
लेकिन इस बार इसको एक बड़े सन्देश के रूप में प्रसारित किया गया। इसमें सभी मंत्रीगण तीन फीट की दूरी पर बैठे थे। यह बताने का प्रयास किया गया कि इस समय सामाजिक दूरी बनाए रखना अपरिहार्य है। वैसे आवश्यक सेवाओ को छोड़ कर देश में लॉक डाउन लागू है। कैबिनेट या अधिकारियों की बैठक भी आपात कालीन दशा में कई जा रही है। लखनऊ में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकार की बैठकों का तरीका बदल दिया है। अब यहां भी बैठक में शामिल होने वाले लोग तीन फीट की दूरी पर बैठ रहे है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी के लोगों से वीडियो कांफ्रेसिंग संवाद किया। इसके माध्यम से उंन्होने काशी ही नहीं पूरे देश को सन्देश देने का कार्य किया है। इस अवसर पर नरेंद्र मोदी दोहरी भूमिका में थे। वह काशी के एमपी और देश के पीएम है। संवाद काशी के लोगों से था,लेकिन इसका सन्देश राष्ट्रीय स्तर पर था। मोदी ने कहा कि सांसद के रूप में उनको इस मुसीबत में वहां होना चाहिए था। लेकिन कोरोना के चलते यह संभव नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री ने स्वयं लॉक डाउन लागू किया है। उंन्होने ही कहा था कि इसका मतलब जो जहां है, वहीं रहे। रोड पर न निकले।
मोदी प्रधानमंत्री पद के साथ काशी के जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी भी निभा रहे है। इसी प्रकार अपनी जगह पर रहते हुए अन्य सभी जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से सम्पर्क रखने का प्रयास करना चाहिए। उनकी समस्याओं को वह संबधित अधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य इस परिस्थिति में भी कर सकते है।
मोदी ने काशी की अति प्राचीन विरासत का उल्लेख किया। कहा कि संकट की इस घड़ी में काशी सबके लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है। आज लाकडॉउन की परिस्थिति में देश को संयम व समन्वय का परिचय देना है। काशी साधना,सेवा और समाधान की नगरी है। काशी का अर्थ ही है शिव। शिव कल्याणकारी है। जन प्रतिनिधि के रूप में मोदी काशी के संबन्ध में पूरी जानकारी ले रहे है। मोदी सदैव नवरात्रि उपासना करते रहे है। उन्होने कहा कि इस बार की साधना मैं मानवता की उपासना करने वाले सभी नर्स,डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी आदि के उत्तम स्वास्थ्य सुरक्षा एवं सिद्धि को समर्पित कर रहे है। मोदी के इस कथन में भी अपनी नहीं पूरे देश की चिंता समाहित है।
उन्होने इस लॉक डाउन अवधि को मानवता के प्रति समर्पित करने का आह्वान किया। लोग अपने घरों में रहते हुए भी गरीब परिवारों की सहायता कर सकते है। वह उनको भोजन बना कर दे सकते है। लॉक डाउन की वजह से अनेक जानवरों के सामने भोजन का संकट आ गया है। ऐसे में लोगों को अपने आस पास के पशुओं की भी चिंता करनी चाहिए।
मोदी ने भारतीय संस्कृति का उल्लेख किया। कहा कि
कोरोना वायरस हमारी संस्कृति को और संस्कार को मिटा नहीं सकता। करुणा से हम गरीबों और जरूरतमंदों का कल्याण कर सकते हैं। मोदी स्वयं भी विशेषज्ञों के सुझाव पर अमल कर रहे है। वह मिलने वालों से स्वयं डेढ़ मीटर दूरी पर लोगों से मिलते है। ऐसा ही सुझाव उंन्होने लोगों को दिया। इसके पहले नरेंद्र मोदी ने देश के नर्सेस और डॉक्टर के साथ इन विषयों पर विस्तार से बात की थी।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री