अयोध्या, (जय प्रकाश सिंह)। डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के बायोकेमेस्ट्री विभाग में पीएम उषा के साॅफ्ट काॅम्पोनेंट के तहत आयोजित कार्यशाला के चैथे दिन मुख्य वक्ता प्रो जसवंत सिंह, पूर्व आचार्य पर्यावरण विभाग अवध विवि ने अंटार्कटिका में जैव विविधता के रहस्य से विद्यार्थियों को परिचित कराया।
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उन्होंने कहा कि अंटार्कटिका के वातावरण बहुत ही ठंड एवं हवादार है। यह पृथ्वी का सबसे बड़ा महाद्वीप है। लोगों के लिए कठिन है। उन्होंने विद्यार्थियों को आने वाली बधाओं से परिचित कराया। कार्यशाला में डॉ देव बक्श सिंह सहायक आचार्य बायोटेक्नोलॉजी विभाग सिद्धार्थ विश्वविद्यालय ने प्रतिभागियों को बायो इनफॉर्मेटिक्स में प्रयोग होने वाले डेटाबेस एवं टूल्स के बारे में अवगत कराया।
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इसके अलावा उन्होंने बायोइनफॉर्मेटिक्स के अनुप्रयोग को सरलता बताया। इसी क्रम में डॉ प्रभास कुमार पांडे ने जेनेटिक इंजीनियरिंग से कैसे अनुवांशिक बीमारियों से इलाज किया जा सकता है। इससे अवगत कराया। कार्यशाला की अध्यक्षता बायोकेमेस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो फर्रुख जमाल ने की। उन्होंने जेनेटिक इंजीनियरिंग को कैसे प्रयोगशाला से धरातल तक क्रियान्वित किया जा सकता है। इस पर विस्तृत पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन डॉ मणिकांत त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रो नीलम पाठक, डॉ संग्राम सिंह, डॉ नीलम यादव, डॉ सीवी श्रीवास्तव, डाॅ पंकज सिंह, डॉ प्रदीप कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।