औरैया। विद्यालय में शैक्षिक प्रमाण पत्रों में हेराफेरी कर प्रधानाध्यापिका की नौकरी पाने वाली शिक्षिका की सेवा समाप्ति का अनुमोदन जिला बेसिक शिक्षा ने कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के श्री मूलचंद राजरानी माध्यमिक विद्यालय मलिकपुर में प्रधानाध्यापक बलवंत सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद रिक्त पद पर निशा शाक्य के द्वारा 1-8 2016 को प्रधानाध्यापिका के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर ली गई थी। इस दौरान जब विद्यालय के प्रबंधक आनंद कुमार शाक्य के द्वारा आरटीआई के माध्यम से प्रमाण पत्रों के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो निशा शाक्य के शैक्षिक प्रमाणपत्रों में जन्मतिथि में 15 मई 1988 के स्थान पर 15 अगस्त 1986 अंकित पायी गयी। शैक्षिक प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद प्रबंध समिति ने प्रधानाध्यापक की नियुक्ति को 25 जून 2018 को समाप्त कर दिया।
इस दौरान प्रधानाध्यापिका द्वारा किसी प्रकार अपने फर्जी प्रमाण पत्रों का सत्यापन करा लिया गया। इस मामले को लेकर जब प्रबंधक ने शासन प्रशासन से लेकर उच्च न्यायालय तक मामले को रखा तो अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के द्वारा प्रधानाध्यापिका के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में अंकित जन्मतिथि में हेराफेरी की पुष्टि की गई। प्रमाण पत्रों में हेराफेरी के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी सिंह औरैया ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका निशा शाक्य की सेवा समाप्ति का अनुमोदन कर प्रधानाध्यापिका व विघालय की प्रबंध समिति को लिखित रूप से सूचित कर दिया है।
बीएसए एसपी सिंह ने कहा कि प्रधानाध्यापिका के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की गंभीरता से जांच कराने के बाद ही उसकी सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया है और इस संबंध में अग्रिम कार्रवाई भी की जाएगी। प्रबंधक आनंद कुमार शाक्य ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई को उचित बताते हुए कहा कि शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराए जाने से खफा प्रधानाध्यापिका द्वारा उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशान किया गया और तरह-तरह के अनर्गल आरोप भी लगाए गए लेकिन आखिर सत्य की जीत हुई। उन्होंने कहा कि वह शासन प्रशासन से प्रधानाध्यापिका द्वारा सेवाकाल में लिए गए वेतन की रिकवरी की भी मांग करेंगे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर