भगवान भी इंसान को किसी अच्छे काम को करने से नहीं रोकते हैं। लेकिन यहां पर इंसानों ने उसे रोक दिया। अपने कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर अरुणिमा सिन्हा एक बार फिर चर्चा में हैं। हालांकि इस बार वह अपने किसी फतह की वजह से नहीं बल्कि एक मंदिर में दर्शन से रोके जाने की वजह से। दिव्यांग अरुणिमा को गार्ड्स ने यह कह कर रोक दिया कि वह लोअर, टी-शर्ट और जैकेट पहन कर मंदिर के अंदर नही जा सकती हैं। अरुणिमा के ट्वीट के बाद से मंदिर प्रशासन से लेकर उस राज्य के मंत्री तक अफसोस जता रहे हैं।
अरुणिमा ने बायां पैर गंवाया, लेकिन हिम्मत ने शिखर पर पहुंचाया
अरुणिमा हौसलों की जितनी तारीफ की जाए कम है। अरुणिमा अपने कृत्रिम पैरों के सहारे एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर बन चुकी हैं। यह मिशन 7 समिट के तहत दुनिया की पांच सबसे ऊंची पर्वत चोटियों पर पहुंच चुकी हैं। 2011 में एक ट्रेन हादसे में अरुणिमा ने बायां पैर गंवा दिया था। इसके बाद उन्हें कृतिम पैरों का सहारा लेना पड़ा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अरुणिमा का कहना है कि इस हादसे के बाद लोग उन्हें कमजोर समझने लगे थे। ऐसे में उन्हें लगा कि वह शरीर से कमजोर हो सकती हैं लेकिन मन से कभी नहीं। अगर मन से कमजोर हुईं तो वह खुद को ही नहीं पहचान पाएंगी।
एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चौंकाया
ऐसे में इस हादसे के बाद ही अरुणिमा ने 21 मई 2013 में इन्होंने कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट पर चढ़ाई कर सबको चौंका दिया था। हर कोई उनके इस मिशन से हैरान था। इनकी इस उपलब्िध पर इनको पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। इसके बाद से तो इनका फतह करने का सिलसिला चल पड़ा।
भारत का फहरा चुकी हैं झंडा
अभी बीते साल ही अरुणिमा एशिया के बाहर सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट अकोनकागुआ पर भी भारत का झंडा फहरा चुकी हैं। अर्जेंटीना में स्थित 6,962 मीटर ऊंची माउंट अकोनगुआ पर्वत की चोटी पर अपने कृत्रिम पैर के सहारे पहुंचने वाली वह दुनिया की पहली महिला के रूप में पहचानी जाती हैं।
मंदिर में रोके जाने से हुई हैरान
ऐसे में उज्जैन के महाकाल मंदिर में खुद को रोके जाने से अरुणिमा हैरान हैं। उनका कहना है कि वह शिव की भक्त हैं लेकिन उन्हें एवरेस्ट पर जाने से कभी भगवान ने नही रोका लेकिन वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में इंसानों ने रोक दिया। उन्हें अफसोस है कि वह भगवान शिव के दर्शन नहीं कर पाई हैं। दुखी अरुणिमा का कहना है कि वह मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अर्चना चिटनिस के बुलावे पर एक कार्यक्रम में गई थी। इन कपड़ों में उन्हें सर्दी में आराम मिलती है। इसलिए पहने थे। वहीं मामले की जानकारी के बाद मंदिर प्रशासन व मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अफसोस जताया है।