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एटीएस ने संदिग्ध आतंकियों के तीसरे साथी शकील को लखनऊ से किया गिरफ्तार, मचा हड़कंप

लखनऊ। अलकायदा के आतंकवादी मिनहाज और मसीरुद्दीन के साथी शकील को एटीएस ने आज बुद्धा पार्क के पास से गिरफ्तार कर लिया। एटीएस की टीम को सूचना मिली थी कि शकील बुद्धा पार्क के पास ई-रिक्शा से गुजरने वाला है।टीम ने घेराबंदी करके सुबह करीब 9:30 बजे शकील को दबोच लिया। एटीएस अधिकारियों ने उसके परिवार के सदस्यों को फोन करके शकील के गिरफ्तारी होने की सूचना दी। इस सूचना से शकील के वजीरगंज थाना क्षेत्र के जनतानगर स्थित घर में रह रहे परिवार के सदस्यों में हड़कंप मच गया।

आतंकियों को उपलब्ध कराई थी पिस्टल

एटीएस की टीम शकील को बिजनौर स्थित मुख्यालय ले गई है जहां पर उसका अलकायदा के दोनों आतंकियों से आमना-सामना कराया जाएगा। एटीएस के साथ ही दिल्ली से आई स्पेशल सेल, एनआईए, रॉ और आईबी के अधिकारी आतंकी नेटवर्क से जुड़े सवाल जवाब करेंगे।शकील पर आरोप है कि उसने ही कानपुर से दोनों आतंकियों को पिस्टल उपलब्ध कराई थी।

फंसाने की कोशिश की जा रही है

उधर, शकील के भाई मोहम्मद फरीद ने उस पर लगे सभी तरह के आरोपों से इनकार किया है। फरीद का कहना है कि वो बेहद गरीब लोग हैं और मजदूरी या ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते हैं। आतंकवादी संगठनों या आतंकवादियों से शकील का किसी भी तरह से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।

लगातार एक्टिव रहे हैं आतंकी

बता दें कि, लखनऊ में मई 2005 में एसटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य सादात रशीद और इरफान को गिरफ्तार किया था। जबकि, दिसंबर 2006 में कैसरबाग से आईएसआई एजेंट अब्दुल शकूर और अनिल पकड़े गए थे। इसी तरह से जून 2007 में हूजी का एरिया कमांडर बाबू भाई और उसका साथी नौशाद सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ा था। अगले ही महीने यानी जुलाई 2007 को आतंकी नूर इस्लाम की निशानदेही पर इंडस्ट्रियल एरिया से आरडीएक्स और डेटोनेटर बरामद हुए थे। नवंबर 2007 में फिर एसटीएफ ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। वर्ष 2009 नवंबर में पुराने लखनऊ से पाकिस्तान का जासूस आमिर अली पकड़ा गया था। मार्च 2017 में काकोरी में ही आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का आतंकी सैफुल्ला उर्फ सैफई एटीएस के साथ एनकाउंटर में मारा गया था। इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और तमाम संवेदनशील स्थानों के रेकी कर बनाए गए नक्शे सुरक्षा एजेंसियों को मिले थे। इससे बड़ी वारदातें तो थम गई लेकिन आतंकियों का नेटवर्क लगातार बना हुआ है।

मीडियाकर्मियों से मारपीट

वहीं, लखनऊ के वजीरगंज क्षेत्र में शकील के घर के बाहर पहुंचे मीडियाकर्मियों को स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया। साथ ही स्थानीय लोगों ने मीडिया के साथ मारपीट की है। ऐसी भी खबर है कि मीडिया के कैमरे भी तोड़े गए हैं।

आतंक के ऑपरेशन पर तीन सवाल?

शकील का भाई बोला- शकील ई-रिक्शा चलाकर परिवार पालता है। शकील की बहन बोली- एटीएस घर उधेड़ के गई, पर कुछ मिला नहीं। शकील के मोहल्ले वाले बोले- जब चुनाव आता है, ऐसा ही होता है।

दया शंकर चौधरी

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