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साइबर अपराध से बचने में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार

लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बुधवार को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्राॅनिक्स एंड इंफाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी, उत्तर प्रदेश पुलिस, सीडेक और एकेटीयू के सहयोग से उत्तर प्रदेश साइबर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी अवेयरनेस वीक का आयोजन 19 से 24 दिसंबर तक किया जा रहा है।

साइबर अपराध से बचने में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार

कार्यक्रम का शुभारंभ गुरूवार को कुलपति प्रो जेपी पाण्डेय एवं बतौर मुख्य अतिथि एडीजी साइबर क्राइम वीके सिंह ने किया। एक सप्ताह तक चलने वाले इस जागरूकता कार्यक्रम में करीब 50 छात्रों को साइबर सुरक्षा के मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा। इन छात्रों को विशेषज्ञ साइबर क्राइम के विभिन्न आयामों का प्रशिक्षण देंगे। मास्टर ट्रेनर के रूप में ये छात्र अपने संस्थान और समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे।

बतौर मुख्य अतिथि एडीजी साइबर क्राइम वीके सिंह ने साइबर खतरे के बारे में बताया। कहा कि पहले दशकों में परिवर्तन होता था। आज के दौर में बहुत कुछ तेजी से बदल जाता है। तकनीकी क्रांति हर दिन कुछ नया बदलाव कर रही है। ऐसे में साइबर क्राइम की चुनौती का सामना करने के लिए हम कितने तैयार हैं। क्योंकि अपराधी उन्हीं को ज्यादा शिकार बनाते हैं जो सावधान नहीं होते। कहा कि साइबर क्राइम वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या का बड़ा समाधान है जागरूकता।

उन्होंने कहा कि जब हम जागरूक होंगे तब उनके जाल में फंसने की संभावना कम होगी। कहा कि साथ ही किसी लालच और भय में नहीं रहेंगे तब इससे बच सकते हैं। उन्होंने छात्रों से इस नई समस्या से निपटने के लिए जिम्मेदारी उठाने की अपील की। कहा कि युवा भारत के वर्तमान और भविष्य हैं। आप जितना सचेत रहेंगे समाज भी उतना सुरक्षित होगा। कहा कि हमें टीम के रूप काम करने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो जेपी पाण्डेय ने रियल टाइम अवेयरनेस पर जोर दिया। कहा कि जागरूकता के जरिये हम साइबर क्राइम से बच सकते हैं। जरा सी लापरवाही से हम साइबर क्राइम के शिकार हो सकते हैं। कहा कि साइबर क्राइम के शिकार सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग हो रहे हैं। नई तकनीकी का प्रयोग करने में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है। इसलिए यहां खतरे भी ज्यादा हैं।

साइबर अपराध से बचने में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार

पूर्व आइपीएस और एफसीआरएफ के चीफ मेंटॉर डाॅ त्रिवेणी सिंह ने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। हर मिनट कोई न कोई इसका शिकार बन रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आ जाने के बाद तो साइबर क्राइम करना और भी आसान हो गया है। साइबर क्राइम से बचने के लिए सबसे जरूरी है सावधानी और जागरूकता। बताया कि जल्द ही साइबर क्लब बनाया जाएगा। जिसमें लोगों को साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक करेंगे।

वित्त अधिकारी केशव सिंह ने भी साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक होने को सबसे जरूरी बताया। साथ ही डीन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रो नीलम श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किया। सीडैक के एम जगदीश बाबू ने साइबर सुरक्षा के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला। बताया कि किस तरह तकनीकी के जरिये काफी हद तक इससे बचा जा सकता है।

अतिथियों का स्वागत डीन इनोवेशन प्रो बीएन मिश्रा ने किया। जबकि धन्यवाद एसो डीन डॉ अनुज कुमार शर्मा ने किया। संचालन वंदना शर्मा ने किया। इस मौके पर इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह, आसपास जिलों के साइबर क्राइम से जुड़े पुलिस अधिकारी और विश्वविद्यालय के संबद्ध संस्थानों के छात्रों ने प्रतिभाग किया। अतिथियों ने इस मौके पर साइबर सुरक्षा जागरूकता पर हैंडबुक का भी लोकापर्णण किया।

साइबर हाइजिन प्रैक्टिसेस पर हुआ सत्र

तकनीकी सत्र में साइबर हाइजिन प्रैक्टिसेस पर सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें सीडैक के एम जगदीश बाबू ने इमर्जिंग साइबर क्राइम के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही पासवर्ड, पिन कोड सुरक्षा को लेकर टिप्स दिये। आज कल सोशल मीडिया के जरिये साइबर अपराधी लोगों को ज्यादा शिकार बना रहे हैं। इसलिए सोशल मीडिया सिक्योरिटी और डिजिटल फाइनेंस सिक्योरिटी के बारे में भी बताया।

साइबर अपराध से बचने में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार

साइबर हाइजिन क्विज किया गया लांच

कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने साइबर हाइजिन क्विज भी लांच किया। इस क्विज में प्रदेश का कोई भी नागरिक, छात्र हिस्सा ले सकते हैं। साइबर क्राइम से जुड़े सवाल इस क्विज में रहेंगे। यह क्विज 24 दिसंबर तक चलेगी। जबकि परिणाम 26 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। इसमें 25 विजेताओं को नकद ईनाम भी दिया जाएगा।

जागरूकता के लिए निकाली गयी रैली

कार्यक्रम के दौरान साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता रैली निकाली गयी। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर मुख्य अतिथि एडीजी साइबर क्राइम वीके सिंह और कुलपति प्रो जेपी पाण्डेय ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली में शामिल 500 से अधिक छात्रों ने आसपास के लोगों को बैनर के जरिये जागरूक किया।

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