गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने लोकप्रिय सुपर 30 शैक्षिक कार्यक्रम के संस्थापक आनंद कुमार को आईआईटी गुवाहाटी के चार छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिका के संबंध में 26 नवंबर को उसके समक्ष पेश होने के मंगलवार को निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और न्यायमूर्ति ए एम बुजारबारुआ की खंडपीठ ने कहा कि अगर कुमार पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया जाएगा। कुमार की ‘सुपर 30 पहल के तहत हर साल आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के 30 मेधावी छात्रों का चयन किया जाता है तथा उन्हें जेईई के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
छात्रों के वकील अमित गोयल ने कहा कि कुमार ने उनके द्वारा लगाए आरोपों का जवाब नहीं दिया। चारों छात्रों ने आरोप लगाया था कि कुमार ने 26 छात्रों के नामों का खुलासा नहीं किया था जिनके उन्होंने अपने सुपर 30 संस्थान से 2018 में आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए पास होने का दावा किया था।
याचिका में कहा गया, ”अपने आप को ‘गणितज्ञ और खुद को गरीब आईआईटी अभ्यर्थियों का ‘मसीहा बताने वाले आनंद कुमार चालाकी से और झूठे नतीजे देकर निर्दोष आईआईटी अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों की सादगी का दुरुपयोग कर रहे हैं।
इसमें दावा किया गया है कि कुमार अपने कोचिंग संस्थान रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स में 3300 रुपये की भारी रकम वसूलकर छात्रों को दाखिला देते हैं।
इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि 2008 के बाद से कुमार ”तथाकथित सुपर 30 की कोई कक्षा नहीं चला रहे हैं।