योग व कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को जागरूक करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। इस संबन्ध में किसी संस्था के स्तर पर होने वाले प्रयास भी व्यापक सन्देश देते है। इसका प्रचार प्रसार समाज को भी लाभान्वित करता है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस दिशा में प्रयास प्रारंभ किये है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ़ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन द्वारा ऑनलाइन योग प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही विशेषज्ञों द्वारा विषय आधारित जानकारी भी प्रदान की जा रही है।
https://youtu.be/ff0zzKdRadA
प्रतिदिन प्रातः 8 से 9 बजे ऑनलाइन कोविड -19 महामारी से बचाव हेतु योग और इम्युनिटी से सम्बंधित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों से विश्वविद्यालय के शिक्षकगण कर्मचारी एवं छात्र एवं छात्राएं तथा जनसमुदाय ऑनलाइन प्लेटफॉर्मस जैसे-फेसबुक, ट्वीटर, यूट्यूब के लिंक पर जाकर इन कार्यक्रमों से जुड़ कर योगाभ्यास करके अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। जो निम्नलिखित हैं।
प्रोफेसर इंचार्ज नवीन खरे ने कहा की इस ऑनलाइन कार्यक्रम से बहुत ही सरलता से जुड़ कर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और विदेश के भी लोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं कोरोना काल मे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है वैज्ञानिक अनुसंधानों से यह प्रमाणित हुआ है की विभिन्न प्रकार के योगासन, प्राणायाम, ध्यान, षट्कर्म, मुद्रा और बन्ध का अभ्यास शरीर की इम्युनिटी बढ़ा रहे हैं। इसलिए जनहित में फैकल्टी के द्वारा यह कार्यक्रम प्रचारित और प्रसारित किया जाएगा।
Respected All,
Kindly join the Special Lecture Session using following Link on Google Meet.
*Date – 02.Feb.2021 (Tuesday)*
*Time – 01.00 PM*Thanks & Regards
*Dr. Amarjeet Yadav*
Co-ordinatorContact-
+919450006459
+919415774470 pic.twitter.com/djUAsaSOzy— Faculty of Yoga and Alternative Medicine LU (@Facultyofyamlu) January 26, 2021
फैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने कहा की इस ऑनलाइन कार्यक्रम में व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्षमता के अनुरूप विभिन्न कार्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं इन कार्यक्रमों को देखकर यक्ति विशेष अपने घर पर ही रह कर अभ्यास कर सकता है। इम्युनिटी और स्वास्थ्य वृद्धि के लिए अलग अलग कार्यक्रमों की श्रृंखला बनाई गई है इन कार्यक्रम के अभ्यास से सरलता से व्यक्ति पाचन संस्थान,श्वसन संस्थान, रक्त परिसंचरण संस्थान तथा मांसपेशियों,जोड़ों को ठीक रख सकता है फैकल्टी के माध्यम से कार्यक्रम इस प्रकार डिज़ाइन किये गए की बिना दुषप्रभाव के लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिले इनमे आसनों के माध्यम से इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है तथा ऐसे कौन-कौन से आसन हैं जिनके अभ्यास से शरीर का ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है ऐसे आसनों के भी कार्यक्रम बनाए गए हैं इसके अतिरिक्त प्राणायाम,ध्यान, मुद्रा,बन्ध तथा योगिक अभ्यास से सम्बंधित भी कार्यक्रम प्रसारित किये जाएंगे।
इसके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके दृष्टिगत वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों द्वारा कोविड टीकाकरण और संबंधित सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी गई। इसका आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। डॉ. एनके अरोड़ा, सदस्य, राष्ट्रीय AEFI समिति, नई दिल्ली ने छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें गंभीर बीमारियों से सुरक्षा और संचरण सुनिश्चित करने में टीकाकरण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी कोविड उपयुक्त व्यवहारों का पालन करना और टीकाकरण करना आवश्यक है।
डॉ. आशुतोष अग्रवाल, OSD रूटीन इम्यूनैजेशन WHO ने भी इस संबन्ध में उपयोगी जानकारी दी गई। डॉ कनुप्रिया सिंघल,स्वास्थ्य विशेषज्ञ यूनिसेफ ने छात्रों के साथ सुरक्षित होम आइसोलेशन के बारे में चर्चा की। उन्होंने उन सावधानियों के बारे में बात की, जो घर पर बिना लक्षण वाले (asymptomatic) रोगियों द्वारा की जा सकती हैं।
डॉ. कनुप्रिया ने कहा, “हमें घर पर आइसोलेट होने के दौरान डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए और किसी भी स्व-चिकित्सा में लिप्त नहीं होना चाहिए।” डॉ. कनुप्रिया ने होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क या N95 मास्क के उपयोग पर जोर दिया और छात्रों से आग्रह किया कि वे SPO2 के स्तर में 94% से कम या किसी अन्य जटिलता के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
डॉ. प्रफुल्ल भारद्वाज, स्वास्थ्य अधिकारी यूनिसेफ, ने कहा कि “पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों को संक्रमित होने की संभावना कम है और भले ही वे संक्रमित हो जाँय, लेकिन इसके गंभीर होने की संभावना बहुत कम है। लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन रिसर्च, मोनीषा बनर्जी ने कहा कि टीका रोग के रोकथाम की रणनीति है, अगर अभी विकसित की गई है, तो भविष्य के प्रकोपों से लोगों को मुक्ति मिल सकती है। अमित मेहरोत्रा, प्रोग्राम प्रबंधक यूनिसेफ ने प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री