दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश के 13 शहरों में दिवाली पटाखा जलाने पर बैन लगाया गया है. राजधानी लखनऊ, वाराणसी समेत इन 13 जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक है. NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश के अनुपालन में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस बाबत दिशा-निर्देश जारी किया है. इन 13 जिलों के अलावा बाकी जिलों में ग्रीन पटाखे बेचे व जलाए जा सकेंगे. बैन का आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेगा. इसके बाद समीक्षा होगी. उसके बाद नए दिशा निर्देश जारी होंगे.
आदेश के अनुपालन में यूपी सरकार ने दिए निर्देश
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस संबंध में प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त लखनऊ एवं गौतम बुद्ध नगर के कमिश्नर व सभी डीएम/एसएसपी को हृत्रञ्ज के आदेशों के पालन के संबंध में निर्देश जारी किया है. शासन ने कहा है कि जिन जनपदों में ्रक्तढ्ढ मॉडरेट व उससे बेहतर है. वहां केवल ग्रीन पटाखे बेचे जाएं. हृत्रञ्ज न्यायालय के वर्तमान एवं पूर्व के निर्देशों का पालन करते हुए इनको बेचा व उपयोग किया जाएगा.
एनजीटी ने दिया था ये आदेश
दरअसल, एनजीटी ने एक आदेश में कहा था कि देश के जिन राज्यों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी खराब की श्रेणी में है, उन राज्यों व शहरों में भी 9 नवंबर की आधी रात से लेकर 30 नवंबर की आधी रात पटाखों के इस्तेमाल व बिक्री पर बैन रहेगा. जिन शहरों में एयर क्वालिटी मॉडरेट है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं. बैन की शुरुआत ओडिशा व राजस्थान से हुई है. बाद में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू किया. ग्रीन पटाखों से मतलब यहां डिजिटल, लेजर आदि तकनीकी का प्रयोग कर दिवाली मनाने से हैं.