अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ और आक्रामक रूख अख्तियार करते दिखाई दे रहे हैं. अपने कार्यकाल के खत्म होने से 72 दिन पहले ही उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग में राजनीतिक अधिकारों के दमन के मुद्दे पर चीन के चार और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इन चारों की अमेरिका यात्रा और यहां किसी भी तरह की संपत्ति हासिल करने पर रोक लगाई जाएगी.
अमेरिका ने इन अधिकारियों को हॉन्ग कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू कराने में उनकी भूमिका के लिए प्रतिबंधित किया है, क्योंकि अमेरिका इस कानून को अभिव्यक्ति की स्वंत्रता और विपक्ष की राजनीति को बेहद कड़ाई से दबाने के रूप में देखता है. यह कानून जून में पारित हुआ था. अमेरिका इससे पहले भी कई अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है, जिनमें हॉन्ग कॉन्ग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम भी शामिल हैं.
सोमवार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब हॉन्ग कॉन्ग के 19 लोकतंत्र समर्थक सांसदों ने कहा है कि अगर पेइचिंग उनमें से किसी एक को भी अयोग्य करार देता है तो वे शहर की विधायिका परिषद से बड़ी संख्या में इस्तीफा देंगे. अपुष्ट खबरों में कहा गया था कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति इनमें से चार को अयोग्य करार देने की तैयारी कर रही है.
पहले से ही यह अंदेशा जताया जा रहा था कि ट्रंप जाते-जाते कुछ ऐसे फैसले ले सकते हैं जो नए राष्ट्रपति बाइडेन के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है. कई एक्सपर्ट्स ने कहा था कि अमेरिका के विदेश नीति में ट्रंप जब चाहें तक एक्जिक्यूटिव ऑर्डर या एजेंसी रूल मेकिंग के अनुसार परिवर्तन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें सीनेट की मंजूरी प्राप्त करने की बाध्यता नहीं है. इसके जरिए भी ट्रंप पेइचिंग के खिलाफ कोई कड़ा निर्णय ले सकते हैं.