वाराणसी। भारतीय रेल ने रेल परिचालन को अत्याधुनिक करने की दिशा में एक नया उपकरण ईओटीटी (एंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री) विकसित किया गया। यह उपकरण बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) एवं आरडीएसओ, लखनऊ के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है। यह उपकरण अत्याधुनिक मानवरहित और वायरलेस तकनीकी युक्त है।
ईओटीटी (एंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री) उपकरण के दो हिस्से होते हैं। एक हिस्सा जिसको कैब यूनिट (सी.यू.) कहते हैं, जिसे लोकोमोटिव के भीतर कैब में लोको पायलट के पास तथा दूसरा हिस्सा जिसको रियर यूनिट (आर.यू.) कहते हैं, जिसे आखरी वैगन में लगाई जाती है। यह दोनों यूनिट आपस में रेडियो वायरलेस तकनीकी के द्वारा लिंक रहते हैं। जिससे गार्ड द्वारा संचालित सारे कार्यों का लेखा-जोखा ड्राइवर तथा परिचालन केंद्र को लगातार प्राप्त होता रहता है।
- भारतीय रेल परिचालन को अत्याधुनिक करने की दिशा में बरेका व आर.डी.एस.ओ. ने संयुक्त रूप से नई तकनीक एंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री (ई.ओ.टी.टी.) विकसित किया।
- ई.ओ.टी.टी.- गार्ड द्वारा संचालित सारे कार्यों का लेखा-जोखा ड्राइवर तथा परिचालन केंद्र को लगातार देता रहेगा।
- ई.ओ.टी.टी. अत्याधुनिक, मानवरहित और वायरलेस तकनीकी युक्त है, जो काफी किफायती व विश्वसनीय है।
- इस तकनीकी के सफल परिक्षण के बाद मालगाडि़यों के परिचालन में किया जाएगा।
यह तकनीकी किफायती और विश्वसनीय है तथा विश्व में कई रेल नेटवर्कों में प्रयोग की जाती है। यहां सर्वप्रथम इस उपकरण को विद्युत रेल इंजन नंबर- 32266 (मालगाड़ी) में लगाया गया है। सफलतापूर्वक परीक्षण के उपरांत इस तकनीक का प्रयोग मालगाडि़यों परिचालन में किया जाएगा।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता