‘द स्काई इज पिंक’ मोटिवेशनल स्पीकर आयशा चौधरी की जिंदगी पर आधारित है, जो कि पल्मनरी फाइबरोसिस से ग्रसित थी। फिल्म के ट्रेलर को लेकर सोशल मीडिया पर काफी अच्छे रिव्यू देखने को मिले हैं। फिल्म के ट्रेलर की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। प्रियंका चोपड़ा की 3 साल बाद कमबैक फिल्म द स्काई इज पिंक कोई चमक-दमक वाली फिल्म नहीं है ना ही एक्शन से लबरेज है। फिल्म बिना किसी तड़के के एक सिंपल सी लव स्टोरी है, जिसमें प्यार-संघर्ष-जिंदादिली, ट्रैजिक फैमिली ड्रामा है। ट्रेलर को देखकर कहानी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
क्या है कहानी-
तीन मिनट के इस ट्रेलर की शुरुआत होती है जायरा वसीम की आवाज के साथ जिसमें वह अपने मां-पापा की लव स्टोरी के बारे में बात करती है और कहती है कि मैं अपने मां-पापा के लाइफ की विलेन हूं। जायरा वसीम बताती हैं कि कैसे उनके मां-पाप यानी कि प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर की लव स्टोरी शुरू हुई और दोनों की जिंदगी में कैसे उनकी बेटी आयशा यानी की जायरा वसीम के जन्म के बाद यू-टर्न आया। बेटी को जन्म से ही गंभीर बीमारी होती है। मां-पापा बेटी को बचाने की जद्दोजहद में लगे होते हैं। फिल्म एक रोलर कोस्टर राइड है जो कि फैमिली लव और इमोशन से भरपूर है। फिल्म के ट्रेलर को देखकर लग रहा है कि ये फिल्म लोगों को लंबे समय तक याद रहेगी।
कौन है आयशा चौधरी-
फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ आयशा चौधरी की जिंदगी की सच्ची कहानी है। आयशा चौधरी मोटिवेशनल स्पीकर थी और उन्होंने कुछ किताबें भी लिखी। उनकी एक किताब ‘My Little Epiphanies’ काफी चर्चा में रही। ये किताब 18 साल की आयशा के मौत के एक दिन पहले पब्लिश हुई थी। 27 मार्च 1996 में दिल्ली में आयशा का जन्म हुआ था, जन्म के वक्त ही आयशा को इम्यून डेफिसेंसी डिसऑर्डर हो गया था। इस बीमारी के इलाज के दौरान आयशा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट से गुजरना पड़ा था। इस सर्जरी का साइड इफेक्ट इतना भयानक हुआ कि आयशा को फेफड़ों से जुड़ी बीमारी पल्मनरी फाइबरोसिस हो गई और महज 18 साल में आयशा की मौत हो गई।
फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ को लेकर प्रियंका चोपड़ा ने अपनी राय दी है। प्रियंका ने कहा कि इस सच्ची और प्रेरणादायक कहानी का हिस्सा बनकर मैं काफी खुश हूं। अपने किरदार को लेकर प्रियंका ने कहा रोल काफी चैलेंजिंग था। फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ 11 अक्टूबर 2019 को 25 देशों में रिलीज होगी।