लखनऊ। संयुक्त शिक्षण एवं शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। बीबीएयू के कुलपति प्रो संजय सिंह एवं भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनबी सिंह की मौजूदगी में दोनों संस्थानों के कुलसचिवों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
शैक्षिक गतिविधियों को देंगे बढ़ावा
इस एमओयू के तहत दोनों संस्थान एक दूसरे को शैक्षणिक गतिविधियों में सहयोग करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य के मद्देनजर दोनों विश्वविद्यालय, मल्टीडिसिप्लिनरी लर्निंग, छात्र विकास और शोध को बढ़ावा देने के लिए संगोष्ठी, कार्यशाला एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन करेंगे। साथ ही छात्रों एवं शिक्षकों के आदान प्रदान से शिक्षा एवं प्रशिक्षण के नए अवसर उपलब्ध कराएंगे। दोनों विश्वविद्यालय सरकारी एवं ग़ैर सरकारी संगठनों को संयुक्त शोध प्रस्ताव भी भेजेंगे।
मूक पाठ्यक्रम तैयार करने पर बनी सहमति
दोनों विश्वविद्यालय उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। जॉइंट क्रेडिट और नॉन क्रेडिट आधारित मूक पाठ्यक्रम के ज़रिए अधिक से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा। इस मौक़े पर प्रो एनबी सिंह ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों को संयुक्त रूप से शोध को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों विश्वविद्यालय जल्द ही संयुक्त शोध प्रस्ताव तैयार कर यूजीसी, डीएसटी, आईसीएसएसआर एवं अन्य संस्थाओं को भेजेंगे।
इस मौके पर कुलपति प्रो संजय सिंह ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों को शोध एवं अध्ययन के नए आयाम स्थापित करने चाहिए जिससे विद्यार्थी एवं शिक्षक दोनों लाभान्वित हो सकें। भाषा विश्वविद्यालय की ओर से डॉ तनु डंग एवं अंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से डॉ सुभाष मिश्रा, इस एमओयू के समन्वयक रहेंगे।
इस मौके पर भाषा विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कृष्ण यादव, एमओयू नोडल डॉ तनु डंग एवं अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ अश्विनी कुमार, प्रो राणा प्रताप सिंह डीन एकेडमिक, के सिंह, डॉ सुभाष मिश्रा एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।