बीजेपी सांसद वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत दौरे पर थे। उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया। एक जनसंवाद कार्यक्रम में उन्होंने एक कहानी सुनाई। वरुण कहानी शेर और बकरी पर आधरित थी। इसमें उन्होंने खुद शेर का बच्चा और दूसरों नेताओं को चूहों का बच्चा बताते हुए तंज किया।
उसने चूहे के बच्चे को बचाया और अपने पास ले आया। बाद में चूहे के बच्चे ने चील के पंख कुतर दिए। चील अपाहिज हो गया। वह बकरी के पास गया। उसने बात बताई। इस पर बकरी ने चील से कहा कि चूहे के बच्चों से रिश्ते बनाने से कोई फायदा नहीं। रिश्ते बनाने हैं तो शेर के बच्चे से बनाओ। जिस आदमी की खुद की इज्जत नहीं है वह आपकी इज्जत नहीं बचा सकता है। इसलिए मैं यहां पर राजनीति कर रहा हूं। अंत में उन्होंने सभी का आभार जताया।
वरुण ने कहानी सुनाते हुए कहा कि एक बार एक जंगल में एक शेर-शेरनी अपने बच्चों का छोड़ कर शिकार करने चले गए। शेर के बच्चे भूखे-प्यासे थे तो वहां पहुंची एक बकरी ने शेर के बच्चों को अपना दूध पिलाया। शेर आया तो उसने बकरी को धन्यवाद दिया। शेर ने कहा कि आज से आप मेरी बहन और अब आपका सम्मान पूरे जंगल मे होगा। बकरी जंगल की रानी जैसी हो गई। जैसे ही उसका सम्मान जंगल में फैलने लगा, तो ऊपर से ये सब एक चील देख रही था। उसने देखा कि बकरी ने उपकार किया तो उसका नाम होने लगा है तो वह खुद भी ऐसा करेगी।