लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि युवाओं को कड़ी परीक्षा पास करने के बावजूद 5 साल की संविदा देने वाले सत्ताधीश खुद चंद महीनों की संविदा पर कार्यरत हैं। भाजपा सरकार के साढ़े तीन साल के प्रदर्शन ने जनता को बता दिया है कि वह 5 साल तो क्या 5 दिन भी सरकार चलाने के लायक नहीं है। अब तक वे अपनी एक भी जनहित की योजना लागू नहीं कर सके हैं। समाजवादी सरकार के कामों पर अपने नाम का ठप्पा लगाने और फीता काटने के अलावा भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया है। वस्तुतः भाजपा नेतृत्व इतना कृतघ्न है कि वह समाजवादी सरकार को उसके समय हुए विकासकार्यों का श्रेय भी नहीं देना चाहता है।
सरकार को इधर-उधर की बहानेबाजी करने के बजाय यह बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में चारों तरफ अंधेरा क्यों है? मुद्दा विहीन सरकार के कारण राज्य की जनहित की समस्याएं उलझती जा रही हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्वतंत्रता आंदोलन में रंचमात्र भूमिका नहीं थी, इसलिए वह लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति को संजोने को बने अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र को नीलामी पर चढ़ा रही है। इस केन्द्र में स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियां बरकरार बनाए रखने की योजना थी। भाजपा राज में वहां धूल भी नहीं साफ हुई। केन्द्र का अधूरा काम रोक कर भाजपा को क्या मिला? आपातकाल के विरोध का नेतृत्व जयप्रकाश जी ने किया था। दूसरी आजादी के उस संघर्ष पर धूल डालने में भाजपा नेतृत्व भी सहयोगी बन रहा है, आखिर क्यों?
भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी को यह भी पता नहीं कि वे अपने आचरण से अपने प्रेरणापुरूष का अपमान कर रहे हैं या सम्मान। सूचना विभाग के नए भवन के निर्माण की स्वीकृति समाजवादी सरकार के समय हुई थी, क्योंकि सिविल अस्पताल का विस्तार करना था। इस भवन पर अपने शीर्ष नेता का नाम ही लगाना था तो अपनी किसी नई योजना को पूरा करते।
देश प्रदेश के हर संस्थान एवं संसाधन को बेचने पर उतारू भाजपा अमीरों के हाथों में बिक चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का इकाना स्टेडियम समाजवादी सरकार ने बनाया, उस पर भाजपा ने अपना ठप्पा लगाया। उसके पास उस समय बने अवध शिल्प ग्राम को भी औनपौने दाम में बेच दिया गया है। सरकारी सम्पत्तियाँ बेचने के मामले की जांच समाजवादी सरकार बनने पर होगी और इसके दोषी जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी होगी। समाजवादी सरकार के समय की फिल्म सिटी का श्रेय लेने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार ने फीता तो काट लिया है पर अब न तो उसके अभिनेता का अभिनय काम आ रहा है, और ना ही कोई डायलाग! उनकी फ्लाप पिक्चर उतरने वाली है। क्योंकि प्रदेश की अगली तस्वीर बनाने वालों की ऐडवांस बुकिंग हो गई है।
प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की शुरूआत समाजवादी सरकार में ही हो गई थी लेकिन साढ़े तीन साल में भी भाजपा इसे पूरा नहीं कर पाई है। जबकि 325 किलोमीटर के आगरा-लखनऊ एक्सपे्रस-वे का निर्माण दो वर्ष से कम समय में पूरा कर लिया गया था। कई कोशिशों के बाद भी भाजपा सरकार इस एक्सप्रेस-वे में कमी या घोटाला नहीं निकाल पाई। यह इतना मजबूत और गुणवत्ता का एक्सप्रेस-वे है कि इस पर वायु सेना के युद्धक विमान और माल वाहक जहाज भी उतर चुके हैं।
भाजपा सरकार की कार्यदक्षता का पता इसी से चलता है कि कैंसर अस्पताल में ओपीड़ी शुरू करने का समय भाजपा सरकार को साढ़े तीन वर्ष बाद मिला है जबकि समाजवादी सरकार ने इसे अपने कार्यकाल में ही पूरा कर लिया था। समाजवादी सरकार ने अपने समय में गम्भीर बीमारियों-लीवर, हार्ट, कैंसर और किडनी के इलाज की मुफ्त व्यवस्था की थी। कैंसर जैसी घातक बीमारी के प्रति भाजपा की संवेदनहीनता से कैंसर अस्पताल में इलाज शुरू नहीं हो सका। इस अवधि में कैंसर मरीजों की जिंदगी में जो अंधेरा रहा, उसके लिए भाजपा नहीं तो कौन जिम्मेदार होगा?