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भाजपा का आरोप- प. बंगाल में लाखों हिंदू नहीं दे पाए थे वोट! बड़े आंदोलन की तैयारी में पार्टी

पश्चिम बंगाल। लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को पश्चिम बंगाल में करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी केवल 12 सीटों पर सिमट गई थी जबकि उसके नेता दावा कर रहे थे कि इस बार वे प. बंगाल में कम से कम 30 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। उसके मत प्रतिशत में भी लगभग दो प्रतिशत की कमी आई थी।

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भाजपा का आरोप है कि बंगाल में इस बार के लोकसभा चुनाव में लाखों हिंदू मतदाताओं को वोट करने से रोक दिया गया था जिसके कारण उसकी करारी हार हुई। हाल ही में हुए रायगंज के उपचुनाव में भी पार्टी ने आरोप लगाया है कि एक धर्म विशेष के अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर भाजपा को हराने की साजिश रची गई।

भाजपा का आरोप- प. बंगाल में लाखों हिंदू नहीं दे पाए थे वोट! बड़े आंदोलन की तैयारी में पार्टी

पार्टी ऐसे मतदाताओं का नाम और पता जानने की कोशिश कर रही है, जिन्हें लोकसभा चुनाव में वोट नहीं करने दिया गया। पश्चिम बंगाल भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक वेबसाइट savedemocracywb.com लॉन्च करते हुए लोगों से अपील की है कि जिन लोगों को मतदान करने से रोक दिया गया था, वे इस पर अपना नाम-पता दर्ज कराएं। प. बंगाल में राजनीतिक हिंसा का माहौल देखते हुए ऐसे लोगों को उनका नाम-पता गुप्त रखने का आश्वासन भी दिया गया है। भाजपा पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ एक बड़े जन आंदोलन की तैयारी कर रही है।

भाजपा की पूर्व सांसद और पश्चिम बंगाल में पार्टी की महासचिव लॉकेट चटर्जी ने एक अखबार को दिए बयान में कहा कि अभी हम ठीक-ठीक यह नहीं जानते कि ऐसे कितने लोगों को वोट डालने से रोका गया है, रायगंज में हुई घटना को देखकर हमारा अनुमान है कि यह संख्या लाखों में हो सकती है। लेकिन हम लगातार यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसे मतदाताओं की असली संख्या कितनी है। लोग सामने आकर अपने मताधिकार के हनन की जानकारी दे रहे हैं।

लॉकेट चटर्जी ने कहा कि जैसे ही इन मतदाताओं की पूरी जानकारी हमें मिल जाएगी जिन्हें वोट नहीं दिया गया, हम चुनाव आयोग और अदालतों के माध्यम से इसका हल खोजने की कोशिश करेंगे। लॉकेट चटर्जी ने आरोप लगाया कि चुनावी बाद हिंसा के मामले में अभी भी लोगों को डराया धमकाया जा रहा है। अनेकों लोगों की जान जा चुकी है और ऐसी घटनाओं पर अब भी कोई रोक नहीं लग पाई है। हम देश की अदालत से इस बात का अनुरोध करते हैं कि वह इस परिस्थिति का संज्ञान लें और लोगों की जान बचाने के लिए राज्य सरकार को उचित आदेश दें।

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