जिन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर है या नेत्रहीन Blind हैं, वह अब नोटों के मामले में ठगी का शिकार नहीं होंगे। दृष्टिबाधित लोगों के लिए आइआइटी रूपनगर (रोपड़) के विद्यार्थियों ने स्मार्ट फोन ’रोशनी’ एप्लीकेशन तैयार की है। इस एप से नोट की पहचान की जा सकती है।
Blind लोगों के लिए समस्या
आइआइटी के डायरेक्टर डॉ. सरित कुमार दास ने बताया कि नोटबंदी के बाद जब नए नोट आए तो Blind नेत्रहीन लोगों के लिए समस्या खड़ी हो गई थी। पहले वे नोट के आकार से पता लगा लेते थे, लेकिन अब उन्हें परेशानी आ रही है।
स्मार्ट फोन के लिए इस एप को
स्मार्ट फोन के लिए इस एप को इमेज प्रोसेसिग व एनालिटिक्स का प्रयोग करते हुए तैयार किया है। इसे एंड्रॉयड स्मार्टफोन में डाउनलोड करते ही ये कैमरा से लिंक हो जाएगा। जब भी कैमरा ऑन करके नोट सामने लाया जाएगा तो ये एप ऑडियो स्पीकर के जरिये बता देगा कि नोट कितने रुपये का है।
रोशनी पहला ऐसा एप है जो भारतीय मुद्रा को सबसे बेहतर तरीके से पहचानता है। एप में 13 हजार नोटों का डाटाबेस रोशनी एप के तैयार करने वाले आइआइटी के प्रोफेसर डॉ. पुनीत गोयल का कहना है कि यह एआइ आधारित एप्लीकेशन है।
इसमें नोटों की 13 हजार से अधिक पिक्चर का डाटाबेस तैयार किया है। इस एप्लीकेशन को डिजाइन करने के बाद परखा गया है।
उनके साथ इस प्रोजेक्ट में पीएचडी स्कॉलर मानधतय सिह, जूही चौहान और आर. राम शामिल थे।आइजीएसए (इमेज प्रोसेसिग, सिक्योरिटी एंड ऐनालिटिक्स) लैब के सदस्यों ने चंडीगढ़ नेत्रहीन स्कूल में इस एप्लीकेशन का परीक्षण किया और उन्हें इसमें सफलता मिली।